(मनोज कुमार)
प्रयागराज (साई)। महाकुम्भ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए योगी सरकार ने मेला क्षेत्र में लगने वाले शिविरों के लिए एक पारदर्शी सत्यापन प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत, मेला प्राधिकरण शिविरों को आवंटित सुविधाओं का तीन बार सत्यापन करेगा।
क्यों जरूरी है सत्यापन?
पारदर्शिता: यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी संस्थाओं को आवंटित सुविधाएं मिल रही हैं।
कुशलता: सुविधाओं के उपयोग का सही आकलन करने के लिए।
जवाबदेही: सुविधाएं प्रदान करने वाले आपूर्तिकर्ताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए।
डाटाबेस: एक विस्तृत डेटाबेस बनाने के लिए जिसमें सभी शिविरों की जानकारी हो।
कैसे होगा सत्यापन?
मेला प्राधिकरण ने सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि वे निम्नलिखित समय सीमा में सभी शिविरों का सत्यापन करें:
पहला सत्यापन: 12 जनवरी से 4 फरवरी
दूसरा सत्यापन: 5 फरवरी से 12 फरवरी
तीसरा सत्यापन: 13 फरवरी से 26 फरवरी
सत्यापन के दौरान, निम्नलिखित जानकारी एकत्र की जाएगी:
संस्था का नाम
औसतन कल्पवासियों की संख्या
भंडारों की संख्या और उनमें भाग लेने वालों की संख्या
प्रवचनों की संख्या
अनुमानित आगंतुकों की संख्या
शिविर की अवधि
सभी जानकारी को एक सॉफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा, जिससे डेटा का विश्लेषण और तुलना करना आसान हो जाएगा।
सत्यापन का उद्देश्य
यह सुनिश्चित करना कि सभी संस्थाओं को आवंटित सुविधाएं मिल रही हैं।
सुविधाओं के उपयोग का सही आकलन करना।
सुविधाएं प्रदान करने वाले आपूर्तिकर्ताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
एक विस्तृत डेटाबेस बनाना जिसमें सभी शिविरों की जानकारी हो।
भविष्य के लिए नीति निर्माण में मदद करना।
सुविधाएं और क्षेत्रफल का उपयोग
सत्यापन के दौरान यह भी जांचा जाएगा कि संस्थाएं आवंटित क्षेत्रफल का उचित उपयोग कर रही हैं या नहीं। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं ने अपने कार्य पूर्ण किए हैं या नहीं। इस जानकारी के आधार पर भुगतान की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
महाकुम्भ 2025 में शिविरों का त्रिस्तरीय सत्यापन एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पारदर्शिता और कुशलता को बढ़ावा देगा और सुनिश्चित करेगा कि सभी तीर्थयात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलें।
सुझाव:
जनता की भागीदारी: सत्यापन प्रक्रिया में आम जनता की भागीदारी को बढ़ावा देना चाहिए।
प्रतिक्रिया तंत्र: शिविरों में रहने वाले लोगों से प्रतिक्रिया लेने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए।
तकनीक का उपयोग: सत्यापन प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाने के लिए तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए, जैसे कि मोबाइल ऐप्स और जीपीएस ट्रैकिंग।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से मानसेवी तौर पर जुड़े हुए मनोज राव देश के अनेक शहरों में अपनी पहचान बना चुके हैं . . .
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.