वकालत कर लो या पत्रकारिता, डबल रोल करने नहीं दे सकते …..

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्ली (साई)। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है कि एक वकील वकालत के पेशे में रहते हुए पत्रकारिता जैसे पेशे की दोहरी भूमिका कैसे निभा सकता है, जबकि बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक दोहरी भूमिका निभाना प्रतिबंधित है।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दो टूक लहजे में कहा कि किसी भी वकील को डबल रोल निभाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने वकील के डबल रोल पर सवाल उठाए थे और इसे व्यावसायिक कदाचार बताया।

मामले की सुनवाई शुरू हुई तो जस्टिस ओका ने कहा, “आप या तो वकालत कर लीजिए या फिर पत्रकारिता। हम इस तरह की प्रैक्टिस की अनुमति नहीं देंगे।” कोर्ट ने आरोपी अधिवक्ता से कहा, जो उस समय एक पत्रकार के तौर पर भी काम कर रहा था, जब बार काउंसिल के नियमों में ऐसी दोहरी भूमिकाएं निभाने पर प्रतिबंध है तो आपको हम इसकी इजाजत कैसे दे सकते हैं।

जस्टिस ओका ने कहा, “हम ऐसी दोहरी भूमिका की अनुमति नहीं दे सकते। यह एक नेक पेशा है। आप यह भी नहीं कह सकते कि एक स्वतंत्र पत्रकार हैं।”