(एल.एन. सिंह)
प्रयागराज (साई)। महाकुंभ शुरू होने की पहले ही अखाड़े के बीच वर्चस्व की जंग छिड़ गई। मेला प्रशासन की अखाड़ों के साथ साथ आई ट्रिपल सी सभागार में बैठक बुलाई गयी थी। उस दौरान दोनो अखाड़े के संत मौजूद थे। इस दौरान अखाडा के संतो के बीच कहासुनी हुई और जमकर विवाद शुरू हो गया।
अखाड़े के दोनों गुटों के बीच जमकर हाथापाई हुई। इस दौरान सूचना पाकर पहुंची पुलिस नेकिसी तरह हंगामा को शांत कराया और अखाड़ा के संतों को अलग-अलग किया।मगघ मेला के ट्रिपल ई सी सभागार में मिलाप्रशासन ने अखाड़ा के संतों को बैठक में बुलाया था। यह बैठक मेला प्राधिकरण ने अखाड़ों को आवंटित की जाने वाली भूमि दिखाने के लिए बुलाई थी।
अखाड़ों के संत महात्मा प्रयागराज मेला प्राधिकरण के आई ट्रिपल सी सभागार में जुटे थे। इस दौरान अखाड़ों के महंतों के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हुई और देखते ही देखते उनके बीच मारपीट होने लगी। साधु संत एक दूसरे के पर लात घूंसो और मुक्कों की बौछार करने लगे।साधु संतों के बीच हुई मारपीट से मेला प्राधिकरण सभागार में अफरा तफरी मच गई।
महाकुंभ मेला अधिकारी और एसएसपी महाकुंभ मेला की मौजूदगी में हुई हाथापाई से हड़कंप मच गया। जिसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने बीच बचाव कर माहौल शांत कराया। हालांकि बवाल की चलते बैठक भी नहीं हो पाई। अखाड़ा परिषद के एक गुट के अध्यक्ष निरंजनी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री हरि गिरी हैं। जबकि दूसरी गुट के अध्यक्ष महानिर्वाणी अखाड़े के महंत रविंद्र पुरी और महामंत्री राजेंद्र दास हैं। सितंबर 2021 में अखाड़ा परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के गोलोक वासी होने के बाद अखाड़ा परिषद दो गुटों में बंटा है।