PFI पर एक्शन के खिलाफ हड़ताल में तोड़फोड़, हेलमेट पहनकर बस चलाते दिखे बस ड्राइवर, बोला केरल HC- सख्त कार्रवाई हो
(ब्यूरो कार्यालय)
तिरूवनंतपुरम (साई)। केरल में पीएफआई द्वारा बंद के आह्वान के बाद राज्य के कई हिस्सों में शुक्रवार (23 सितंबर, 2022) को हिंसक घटनाएं सामने आईं हैं। तिरुवनंतपुरम में बंद का समर्थन कर रहे पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने एक ऑटो-रिक्शा और एक कार को कथित रूप से तोड़ दिया। बस और ऑटो ड्राइवर हेलमेट लगाकर वाहन को चलाते नजर आए।
वहीं केरल हाई कोर्ट ने केरल में एक दिवसीय राज्यव्यापी बंद का आह्वान करने के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के नेताओं के खिलाफ स्वत संज्ञान लिया है। केरल हाई कोर्ट ने कहा कि कोई भी राज्य में बिना अनुमति के बंद का आह्वान नहीं कर सकता है।
नागरिकों को किसी तरह की क्षति न हो: हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार और हड़ताल के आह्वान का समर्थन नहीं करने वाले नागरिकों की सार्वजनिक/निजी संपत्ति को किसी भी तरह की क्षति को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।
अदालत ने केरल सरकार से उसके आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। केरल उच्च न्यायालय ने जनवरी में कहा था कि कोई भी सात दिनों की पूर्व सूचना के बिना कोई भी राज्य में बंद का आह्वान नहीं कर सकता।
बता दें, देशभर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से जुड़े लोगों पर एनआईए और ईडी ने गुरुवार (22 सितंबर, 2022) को छापेमारी की थी। केंद्रीय जांच एजेंसियों ने टेरर फंडिंग मामले में पीएफआई के लोगों को बड़ी संख्या में गिरफ्तार भी किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की छापेमारी की कार्रवाई के खिलाफ पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को ‘केरल बंद’ का आह्वान किया है।
राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने गुरुवार को 18 स्थानों की तलाशी ली थी और 15 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
साल 2006 में हुई PFI की स्थापना
वहीं पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) खुद को एक इस्लामिक संगठन बताता है। संगठन का कहना है कि वह पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों के हक की आवाज उठाता है। जिसकी स्थापना 2006 में हुई।
पीएफआई कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा दे रहा है: एजेंसियां
हालांकि, कानून प्रवर्तन एजेंसियों का कहना है कि पीएफआई कट्टरपंथी इस्लाम को बढ़ावा दे रहा है और आतंकी संगठनों की भर्ती कर रहा है पीएफआई केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में तब आया जब उसके सदस्यों ने कथित तौर पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए केरल में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काट दिया।
NIA ने गुरुवार को PFI के 100 से अधिक ठिकानों पर की थी छापेमारी
एनआईए ने गुरुवार सुबह कई राज्यों में पीएफआई से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी। पीएफआई के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं और पदाधिकारियों को उत्तर प्रदेश, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित 10 राज्यों में छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया है।
एनआईए, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस ने एक साथ मिलकर कई जगह पर छापे मारे थे। पीएफआई ने इसके विरोध में शुक्रवार को केरल में सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था।
केरल में अब तक 22 लोग गिरफ्तार
माना जाता है कि अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में कथित तौर पर आतंकी फंडिंग, प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और चरमपंथी समूहों में शामिल होने के लिए दूसरों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल लोगों के खिलाफ छापे और तलाशी की जा रही है। केरल में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिसकी संख्या अन्य राज्यों में सबसे अधिक है।
पीएफआई कार्यकर्ताओं के हमले में दो पुलिस अधिकारी घायल
केरल के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार सुबह से पथराव सहित हिंसक विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं, क्योंकि पीएफआई द्वारा हड़ताल का आह्वान किया गया है। कोल्लम जिले में पीएफआई समर्थकों द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में दो पुलिस अधिकारी घायल हो गए। हड़ताल सुबह छह बजे शुरू हुई और शाम छह बजे तक चलेगी।
हड़ताल के दौरान कई वाहनों में तोड़फोड़
राज्य में हड़ताल के समर्थन में पीएफआई के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला। मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। कई वाहनों में तोड़फोड़ की और विभिन्न स्थानों पर दुकानों के शटर गिरा दिए। वहीं जहां पर संगठन अधिक मजबूत है, वहां पर पुलिस पुलिसकर्मियों के अलावा कुछ बस और ट्रक चालकों और यात्रियों पर पथराव भी किया गया। जिसके कई लोगों को चोटें भी आईं।
पीएफआई केरल राज्य समिति ने कहा है कि वह गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण और राज्य द्वारा अत्याचार का हिस्सा मानती है। इसमें कहा गया है, ‘असहमत की आवाज को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने के आरएसएस नियंत्रित फासीवादी सरकार के कदम के खिलाफ 23 सितंबर, शुक्रवार को राज्य में एक हड़ताल होगी।’ पीएफआई ने नागरिक अधिकारों को कुचलने वाले फासीवादी शासन के खिलाफ हड़ताल को सफल बनाने का भी आह्वान किया।