दस बिंदुओं पर रेलवे के चीफ इंजीनियर ने मांगा जिलाधिकारी सिवनी से प्रतिवेदन!
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। नैनपुर से सिवनी होकर छिंदवाड़ा रेल लाईन का अमान परिवर्तन भले ही पूरा हो चुका हो पर इस रेलमार्ग पर यात्री सवारी गाड़ी नहीं चल पा रही हैं। अब रेलवे के द्वारा जिलाधिकारी सिवनी से दस बिंदुओं पर उनका प्रतिवेदन चाहा है।
रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि सिवनी से कटंगी के बीच नए रेलखण्ड के निर्माण हेतु रेलवे बोर्ड के द्वारा हर दृष्टिकोण से रिपोर्ट चाही है। रेलवे बोर्ड के द्वारा इस मामले में साऊथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के बिलासपुर महाप्रबंधक को इस हेतु पत्र लिखा है।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी से बरघाट होकर कटंगी के बीच (सिवनी से कटंगी की सड़क मार्ग से दूरी 40 किलोमीटर है) के बजाए सिवनी से चीचबंद, बरघाट, गोकलपुर, गोरंघपुर, होकर कटंगी के लिए प्रस्तावित इस 92.10 किलोमीटर लंबे मार्ग पर रेल की पटरी बिछाने की बात अपने पत्र में कही है।
सूत्रों ने आगे बताया कि रेलवे बोर्ड के डिमांड फार ग्रांट 2021 – 2022 के आईटम 28 के तहत यह जानकारी चाही गई है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि इसके लिए यातायात सर्वे रिपोर्ट (इस मार्ग पर रेलवे को यात्री रेलगाड़ी चलाने पर कितना राजस्व यात्रियों से मिल सकेगा) भी चही गई है।
सूत्रों की मानें तो दस बिंदुबों में पहला बिंदू जिस मार्ग से होकर रेलखण्ड गुजरेगा उससे 25 किलोमीटर की परिधि में कितनी आबादी निवास करती है। दूसरे बिंदू में इन क्षेत्रों की सोशियो एकानिमक स्टेटस की जानकारी अर्थात क्षेत्र में निवास करने वालों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जानकारी चाही गई है।
सूत्रों ने आगे बताया कि इसके अलावा तीसरे बिंदु में इस क्षेत्र की सामान्य वाणिज्यिक फसल के बारे में विस्तार से, एवं चौथे बिन्दु में यह जानकारी चाही गई है कि क्या इस क्षेत्र मे कोई स्पेशल इकानामिक जोन (सेज) अथवा मल्टी इकानामिक जोन (बहु सुविधा आर्थिक क्षेत्र) का कोई प्रस्ताव हो तो बताने के लिए कहा गया है।
सूत्रों ने आगे बताया कि इस पत्र के जरिए एसईसीआर के निर्माण का काम देख रहे मुख्य अभियंता एच.पी. त्रिपाठी से यह जानकारी भी चाही गई है कि क्या इस क्षेत्र में कोई बड़े उद्योग के लिए जमीन मांगी गई है अथवा लाईसेंस चाहा गया है। छटवें बिंदु में यह जानकारी चाही गई है कि क्या कोई पर्यटन की संभावनाओं का प्रपोजल यहां है!
सूत्रों की मानें तो सातवें बिंदु में यह जानकारी चाही गई है कि इस पूरे क्षेत्र के 25 किलोमीटर दायरे में कोई खनन गतिविधियां हो रही हैं। इसके साथ ही कोयला, आयरन ओर, सीमेंट फेक्ट्री के साथ ही कोई अन्य गतिविधियां संचालित हो रही हैं, अथवा हो सकती हैं!
सूत्रों ने बताया कि इस पत्र के नवमें बिंदु में यह जानकारी चाही गई है कि जिस क्षेत्र से होकर यह रेल लाईन गुजर सकती है उस क्षेत्र में फर्टीलाईजर एवं फुड ग्रेन्स की आवक अथवा यहां से बाहर ले जाने का डाटा उपलब्ध कराया जाए एवं अंत में दसवें बिंदु में यह चाहा गया है कि यहां पेट्रोलियम या आईल की कोई गतिविधियां अथवा यहां से इसे बाहर ले जाना या यहां लाना (बल्क में) शामिल है!
इधर, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर जोन के निर्माण प्रभाग के मुख्य अभियंता एचपी त्रिपाठी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस तरह का पत्र 28 अक्टूबर को जिलाधिकारी सिवनी को भेजा गया है। उधर, जिलाधिकारी कार्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस तरह का पत्र प्राप्त तो हुआ है एवं उस पत्र को कलेक्टर कार्यालय की भूअर्जन शाखा को भेज दिया गया है।

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