आखिर चाह क्या रहे हैं शशि थरूर!

(ब्यूरो कार्यालय)

पनक्कड़ (साई)। एक दिन पहले केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के सुधाकरन ने पार्टी नेताओं से शशि थरूर प्रकरण से उत्पन्न मतभेदों पर सार्वजनिक बयान नहीं देने को कहा था। इसके एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि राज्य में पार्टी में गुटबाजी की अनुमति नहीं दी जाएगी। दरअसल हिमाचल और गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान ‘नजरअंदाज’ किए जाने के बाद थरूर ने रविवार उत्तर केरल की यात्रा शुरू की है।

शशि थरूर रविवार को कोझिकोड में “संघ परिवार और धर्मनिरपेक्षता की चुनौतियां” मुद्दे पर एक कार्यक्रम में बोलने वाले थे। लेकिन कांग्रेस पार्टी के इशारे पर यूथ कांग्रेस को इस कार्यक्रम से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटनाक्रम ने राज्य इकाई में खलबली मचा दी। थरूर ने शुरू में तो इस घटना से किनारा कर लिया लेकिन बाद में मामले की आंतरिक जांच की मांग की। कुछ का मानना है कि अक्टूबर में कांग्रेस के अध्यक्षी चुनाव में अपनी असफलता के बाद वह राज्य की राजनीति में अधिक सक्रिय भूमिका निभाना चाह रहे हैं।

थरूर की केरल यात्रा में सबसे बड़ा मोड़ उस समय देखने को मिला जब उन्होंने मंगलवार को उन्होंने पनक्कड़ में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष सैयद सादिक अली शिहाब थंगल से मुलाकात की। उन्होंने मलप्पुरम जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय का भी दौरा किया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर पिछले दिनों केरल में लगातार सभाएं कर रहे हैं। मुस्लिम लीग के नेताओं से मुलाकात के बाद अटकलें लगाई जा रही हैं क्या शशि थरूर कांग्रेस से अलग राह बना सकते हैं?

बता दें कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग केरल में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में है। अटकलें हैं कि केंद्रीय स्तर पर ज्यादा तरजीह न मिलने से थरूर केरल में मुस्लिम लीग के साथ मिलकर अलग गुट बना सकते हैं। हालांकि कांग्रेस सांसद ने इन अटकलों को खारिज किया है। पार्टी में थरूर के समर्थकों जैसे केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और वातकरा के सांसद के मुरलीधरन और कोझिकोड के सांसद एमके राघवन ने उनके विरोधियों की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह का मामला रविवार को कोझिकोड में सामने आया, वैसा नहीं होना चाहिए था। मुरलीधरन ने यह भी आरोप लगाया कि “मुख्यमंत्री पद पर नजर रखने वालों का इसके पीछे हाथ है।”

अपने दौरे को लेकर पार्टी के अंदर मची हलचल और उन्हें मिल रहे समर्थन से अप्रभावित दिख रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को अपनी यात्रा जारी रखते हुए यहां यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है तथा किसी को भी उनसे डरने की जरूरत नहीं है। मीडिया ने सवाल किया कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है, इसके जवाब में थरूर ने कहा, “मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर कोई गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस नेताओं की कुछ हालिया टिप्पणियों से नाखुश आईयूएमएल ने भी थरूर का समर्थन किया है।

तिरुवनंतपुरम के सांसद की टिप्पणी उन अटकलों के बीच महत्व रखती है कि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर एक “थरूर गुट” के उभरने से आशंकित प्रतीत होता है, जहां पार्टी ने 2016 में प्रतिद्वंद्वी माकपा के हाथों सत्ता गंवा दी थी। थरूर ने हालांकि पनक्कड़ में सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर आईयूएमएल नेताओं के साथ अपनी बैठक को यह कहकर ज्यादा महत्व नहीं दिया कि यह जिले में एक कार्यक्रम के लिये जाते समय हुई सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी।

वहां मौजूद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं बताया और कहा कि जब भी वे इस क्षेत्र से गुजरते हैं तो वे सभी थंगल से मिलते हैं। अपने कट्टर समर्थक और सांसद एम के राघवन के साथ थरूर ने यह भी कहा कि गुट बनाने का उनका कोई इरादा या रुचि नहीं है। थरूर ने कहा, “कुछ लोग कह रहे हैं कि यह (उनका दौरा) विभाजनकारी रणनीति या गुटबाजी है। हमारा कोई गुट बनाने का इरादा नहीं है और न ही हमारी इसमें रुचि है। कांग्रेस पहले से ही ‘ए’ और ‘आई’ समूहों से भरी हुई है और अब ‘ओ’ और ‘वी’ जैसे अक्षर जोड़ने की जरूरत नहीं है।” केरल में करुणाकरण और एके एंटनी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के समय से कांग्रेस पार्टी में “ए” और “आई” समूह सक्रिय हैं।”

कांग्रेस नेता ने कहा, “अगर एक अक्षर होना है, तो वह एक संयुक्त कांग्रेस के लिए ‘यू’ होना चाहिए, जिसकी हम सभी को जरूरत है। इस दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है। मैं यूडीएफ के दो सांसदों के एक सहयोगी दल के नेताओं से मिलने में कोई बड़ी बात देखने की जरूरत नहीं समझ पा रहा हूं।” उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश में विभाजनकारी राजनीति सक्रिय थी, ऐसी राजनीति की जरूरत थी जो सभी को एक साथ लाए और यह प्रशंसनीय है कि आईयूएमएल ने हाल ही में चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए।

इससे पहले दिन में सतीशन ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और पार्टी नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक स्पष्ट कार्य योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी भी नेता को गुटबाजी की इजाजत किसी भी कीमत पर नहीं दे सकते। पार्टी में अभी जो चल रहा है, उसकी इजाजत किसी भी राजनीतिक दल में नहीं दी जा सकती।” किसी का नाम लिए बगैर वरिष्ठ विधायक ने कहा कि मीडिया द्वारा उड़ाए गए गुब्बारे एक पिन की चुभन से फट जाएंगे। उन्होंने कहा, “हम गुब्बारे नहीं हैं जो एक पिन से चुभने पर गिर जाएंगे।”

जब उत्तर केरल में थरूर के कार्यक्रमों के आयोजन में राघवन की भूमिका की ओर इशारा किया गया, तो सतीशन ने कहा, “समानांतर काम में शामिल होने को गंभीरता से लिया जाएगा। अगर कोई इस तरह के समानांतर काम में लिप्त पाया जाता है, तो उसे पीछे हटने का अवसर दिया जाएगा।” विपक्ष के नेता ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से थरूर की अनुपस्थिति पर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि जब पार्टी एक कथित नौकरी घोटाले के खिलाफ राज्य की राजधानी में सीपीआई (एम) शासित नगर निगम के खिलाफ सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन कर रही थी तो थरूर गायब थे।

उन्होंने कहा, “पिछले तीन हफ्तों से, कांग्रेस और युवा कांग्रेस तिरुवनंतपुरम में आंदोलन कर रहे हैं। कई नेताओं को जेल हो चुकी है। जब हम पार्टी और यूडीएफ को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो पार्टी को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को खत्म करने का एजेंडा चलाया जाएगा।”