(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। संकट से जूझ रही विमानन कंपनी गो फर्स्ट (Go First) दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। गो फर्स्ट की फ्लाइटें रद्द है।
इस बीच खबरें आई कि गो फर्स्ट एयरलाइन का विलय इंडिगो एयरलाइन में हो सकता है। इन खबरों पर अब इंडिगो की ओर से प्रतिक्रिया दी गई है। एयरलाइन ने इस खबर पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
इंडिगो की ओर से कहा गया कि वो बाजार में चल रही अटकलों पर कोई कमेंट नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने गो फर्स्ट के मर्जर को लेकर न को कोई टिप्पणी की और न ही इनकार किया। दरअसल बीते कुछ दिनों से खबर आ रही है कि इंडिगो कर्ज में डूबी दिवालिया एयरलाइन गो फर्स्ट के अधिकांश शेयर खरीद सकती है। गो फर्स्ट का इंडिगो में विलय हो सकता है।
किफायती दामों में हवाई सफर करवाने वाली एयरलाइन गो फर्स्ट संकट से जूझ रही है। खबर आई कि इंडिगो गो फर्स्ट में बहुमत हिस्सेदारी खरीद सकती है। अब इस पर एयरलाइन ने कमेंट करने से इनकार कर दिया है। कंपनी ने कहा कि वो हम अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते है। हम अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी पर फोकस करते हैं। इस पर गो फर्स्ट की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। गौरतलब है कि भारी कर्ज के बोझ तले दबी एयरलाइन गो फर्स्ट की सर्विस 3 मई से ही बंद है। विमान कंपनी की सर्विस को 12 जून तक के लिए बंद कर दिया गया है। कंपनी ने अमेरिकी कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इंजन सप्लाई में देरी के कारण उनकी आधे से अधिक विमान ग्राउंडेड रही है।
वहीं दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही गो फर्स्ट एयरलाइन की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। NCLT ने गो फर्स्ट पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। नोटिस में कहा गया कै कि इन्सॉल्वेंसी के नाम पर एयरलाइन ने धोखाधड़ी की है। इन आरोपों को लेकर NCLT ने एयरलाइन से दो हफ्तों में जवाब मांगा है। Delhivery ने अपनी शिकायत में कहा है कि 2 मई को गो फर्स्ट एयरलाइन ने 57 लाख रुपये उधार लिया था। एयरलाइन ने फ्यूचर सर्विसेज के नाम पर ये उधार लिया, लेकिन उन्होंने दिवालिया प्रक्रिया के लिए याचिका डाल दी। कंपनी पहले से मन बना चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद उसने उधार लिया। अब इस मामले में गो फर्स्ट से जवाब मांगा गया है।

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