आर्मी हेडक्वॉर्टर से 17 फीसदी ऑफिसर जाएंगे फ्रंट लाइन पर

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। इंडियन आर्मी को ज्यादा चुस्त-दुरुस्त बनाने और भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार करने की दिशा में पहला कदम फ्रंटलाइन के लिए ज्यादा अफसर उपलब्ध कराना है। आर्मी की तरफ से दिल्ली स्थिति आर्मी हेडक्वॉर्टर में ढांचे में बदलाव की स्टडी पूरी हो गई है जिसे रक्षा मंत्रालय को सौंप दिया गया है।

मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद इन बदलावों को लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद कई यंग ऑफिसर्स को हेडक्वॉर्टर से फ्रंटलाइन पर भेजा जाएगा। हेडक्वॉर्टर में मौजूद आर्मी ऑफिसर्स में से 17 पर्सेंट यहां से शिफ्ट होंगे। इस बदलाव से फ्रंटलाइन पर 130 अतिरिक्त ऑफिसर उपलब्ध होंगे।

सूत्रों के मुताबिक स्टडी रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्मी हेडक्वॉर्टर में इस वक्त 1333 ऑफिसर्स मौजूद हैं। जिसमें 32 लेफ्टिनेंट जनरल, 72 मेजर जनरल, 133 ब्रिगेडियर, 408 कर्नल और 687 लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के हैं। ढांचे में बदलाव कर हेडक्वॉर्टर में इनकी संख्या घटाकर करीब 1200 की जाएगी। इस तरह करीब 130 ऑफिसर्स यहां से कम होंगे जिन्हें फ्रंटलाइन पर तैनात किए जाएगा। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 100 री-एंप्लॉइड (रिटायरमेंट के बाद फिर से) ऑफिसर्स को हेडक्वॉर्टर में मेजर या लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के ऑफिसर्स का काम दिया जाएगा जिससे अतिरिक्त 100 यंग ऑफिसर फ्रंटलाइन के लिए उपलब्ध हो सके और हेडक्वॉर्टर का काम भी आराम से होता रहे।

इस तरह ढांचे में बदलाव यानी रीस्ट्रक्चरिंग से सेना को फ्रंटलाइन पर 230 और ऑफिसर्स मिल जाएंगे। आर्मी हेडक्वॉर्टर में ऑफिसर्स की सबसे ज्यादा कटौती डीजीआईएस यानी इंफॉर्मेशन सिस्टम निदेशालय में की जाएगी। यहां से 44 ऑफिसर कम किए जाएंगे। डीजीईएमई यानी इलैक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियर्स निदेशालय से भी 28 ऑफिसर्स को फ्रंटलाइन पर भेजा जाएगा। डीजीएमओ और डीजीएमआई यानी मिलिट्री ऑपरेशंस और मिलिट्री इंटेलिजेंस निदेशालय में भी सोचसमझकर कुछ ऑफिसर्स कम किए जाएंगे और उनका इस्तेमाल दूसरी जगहों पर किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक अभी आर्मी हेडक्वॉर्टर में मेजर/लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के 687 ऑफिसर हैं जो बदलाव लागू होने के बाद 583 रह जाएंगे। 408 कर्नल हैं जो बाद में 397 रह जाएंगे। इसी तरह 133 की जगह 123 ब्रिगेडियर, 72 मेजर जनरल की जगह 67 मेजर जनरल रहेंगे। लेफ्टिनेंट जनरल अभी की तरह 33 ही रहेंगे। स्टडी में डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (स्ट्रैटजी) की नई पोस्ट बनाने की सिफारिश भी की गई है। जो ऑपरेशनल प्लानिंग और उसे लागू करने का काम देखेंगे। इंफॉर्मेशन वॉरफेयर के लिए भी नया निदेशालय बनाने का प्रस्ताव है। आर्मी साइबर ग्रुप को भी इसी निदेशालय के तहत लाया जाएगा।