30 अगस्त तक बढ़ाई गई पुलिस रिमांड
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। आईएनएक्स मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट के बाद सीबीआई कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। सीबीआई कोर्ट ने चिदंबरम को 30 अगस्त तक पुलिस रिमांड (सीबीआई रिमांड) के लिए भेज दिया है।
सीबीआई कोर्ट में सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी चिदंबरम का पक्ष रख रहे थे। चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम और बेटा कार्ति चिदंबरम भी कोर्ट में मौजूद थे। वहीं सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तषार मेहता दलील रख रहे थे।
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी पूर्व मंत्री की अग्रिम जमानत की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया था कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी होने के बाद इस याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाता है। हालांकि कोर्ट ने चिदंबरम को ईडी से गिरफ्तारी के मामले में एक दिन की राहत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ईडी केस की सुनवाई मंगलवार को करेगा।
गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया केस में सीबीआई ने पी चिदंबरम को 21 अगस्त को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट में पेश किए जाने पर चिदंबरम को 26 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया गया था।
उधर, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस भानुमति की पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती है। पीठ ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट के पहले का फैसला है। कोर्ट ने कहा कि अगर चिदंबरम को सीबीआई मामले में राहत चाहिए तो उन्हें निचली अदालत में जाना होगा और वहीं से राहत की मांग करनी होगी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि रेग्युलर बेल के लिए आपको उचित अदालत में जाना चाहिए। अदालत ने कहा कि सीबीआई रिमांड वाली याचिका अब अर्थहीन हो चुकी है। बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा INX मीडिया केस में अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद 21 अगस्त को सीबीआई ने चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था।
सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने पिछले पांच दिनों में चिदंबरम पर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप के बारे में कुछ भी नहीं पूछा है, उनसे सिर्फ विदेशी बैंक खाते के बारे में पूछा गया था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया था। सिब्बल ने कहा कि उनके मुवक्किल से यह भी पूछा गया था कि क्या उनके पास ट्विटर अकाउंट है जो जांच की गंभीरता दर्शाता है। कपिल सिब्बल ने कहा मीडिया ट्रायल किया जा रहा है। जांच एजेंसी बिना सत्यापित जानकारी मीडिया के जरिये दे रही है। अगर एजेंसी एक बैंक अकॉउंट या संपत्ति विदेश में दिखा दें तो हम याचिका वापस ले लेंगे।