तिब्बत को लेकर फिर दिखाए चीन ने तेवर

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। तिब्बत को लेकर चीन ने फिर से तेवर दिखाने शुरू किए हैं। दलाई लामा के जन्मदिन पर जहां लद्दाख में चीन की तरफ से बैनर दिखाए गए, वहीं नेपाल में भी दलाई लामा का जन्मदिन सेलिब्रेट करने की इजाजत नहीं मिली।

उल्लेखनीय है कि चीन, तिब्बत को अपना हिस्सा मानता है वहीं तिब्बत के लोग खुद को चीन से अलग मानते हैं। भारत और नेपाल में रह रहे तिब्बती शरणार्थी दलाई लामा का जन्मदिन मनाते रहे हैं और फ्री तिब्बत की मांग भी बुलंद करते रहे हैं।

दलाई लामा के जन्मदिन पर 6 जुलाई को लद्दाख की फुक चे एरिया में तिब्बती शरणार्थी और स्थानीय लोग दलाई लामा का जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने तिब्बती झंडा भी लहराया। भारत और चीन करीब 4000 किलोमीटर की लंबी सीमा (एलएसी) साझा करते हैं। सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान एलएसी के दूसरी ओर से दो गाड़ियों में करीब 11 लोग आए जिन्होंने लाल रंग का बड़ा सा बैनर दिखाया। जिसमें चीनी भाषा में लिखा गया था- ‘Ban all activity to split Tibet ‘। वह करीब 40 मिनट वहां रुके और फिर चले गए। आर्मी सूत्रों के मुताबिक वह सिविल ड्रेस में थे।

हालांकि, इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह चीन की आर्मी पीएलए के लोग हो सकते हैं। आर्मी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एलएसी क्रॉस नहीं की और वह अपनी एरिया में ही थे। इसके अगले दिन जब चीन के आर्मी ऑफिसर्स के साथ भारतीय सेना के अधिकारियों की नियमित तौर पर होने वाली बॉर्डर पोस्ट मीटिंग हुई उसमें किसी ने भी इस मसले को न तो उठाया ना ही इस पर कोई बात हुई। लद्दाख के इस इलाके के पास ही डेमचॉक में चीन पहले घुसपैठ की कोशिश कर चुका है। 2014 में इसे लेकर काफी बवाल भी हुआ था।

एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक चीन इसके जरिए तिब्बत को लेकर अपने तीखे तेवर के संकेत तो देने की कोशिश कर रहा है लेकिन वह आधिकारिक तौर पर अभी इस मसले पर ज्यादा उग्र नहीं दिखना चाहता। नेपाल में भी पेइचिंग के दबाव के चलते दलाई लामा का जन्मदिन सेलिब्रेट करने नहीं दिया गया। नेपाल में करीब 20 हजार तिब्बती शरण लिए हुए हैं।