मिले खाली कारतूस लेकिन पुलिस ने नहीं चलाई गोली . . .

 

(ब्यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के आसपास रविवार को हुई हिंसा के दौरान पुलिस पर गोली चलाने का भी आरोप गोली चलाने के आरोप लगे थे।

अब गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि जामिया में खाली कारतूस पाए गए लेकिन ये पुलिसकर्मियों के तरफ से नहीं चलाए गए थे। अधिकारी ने बताया कि तीन लोग घायल हुए थे जिन्हें सफदरजंग और होली फैमिली अस्पताल में भर्ती कराया गया था। होली फैमिली अस्पताल में भर्ती हुए शख्स को गोली नहीं लगी थी इसलिए उसे डिसचार्ज कर दिया गया। इसके अलावा सफदरजंग में भर्ती कराए गए दो लोगों के घायल होने की वजहों की जांच हुई है।

10 गिरफ्तार लोगों में कोई जामिया का स्टूडेंट नहीं

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा,’हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि पुलिस ने जामिया में प्रदर्शनकारियों पर गोली नहीं चलाई। जामिया परिसर में पाए गए खाली कारतूस के बारे में जांच चल रही है।अब तक पुलिस ने इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और इनमें से कोई भी जामिया का स्टूडेंट नहीं है।

सिविल ड्रेस में मौजूद शख्स, पुलिस का जवान

एक वायरल विडियो क्लिप में बताया जा रहा था कि पुलिस की ड्रेस में अन्य लोग भी छात्रों और प्रदर्शनकारियों की पिटाई करने में शामिल थे। अधिकारी ने बताया कि सिविल ड्रेस में मौजूद शख्स दिल्ली पुलिस का कॉन्स्टेबल है और वह साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में पोस्टेड है। वह ऐंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड का हिस्सा है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि घटना के दिन पुलिस के पास रबर की गोलियां भी नहीं थीं। गौरतलब है कि रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास ही प्रदर्शनकारियों ने एक बस में आग लगा दी थी और इसके बाद प्रदर्शन हिंसक हो गया।

सीलमपुर में भी हिंसा

पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और पुलिस ने उन्हें खदेड़ा। उन्हीं के पीछे पुलिस जामिया कैंपस में भी घुस गई। जामिया के छात्रों का दावा है कि पुलिस ने लाइब्रेरी में घुसकर आंसू गैस के गोले छोड़े और छात्रों की पिटाई की। हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है। बता दें कि जामिया के पास प्रदर्शन के बाद दिल्ली के सीलमपुर इलाके में भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई और पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।