(ब्यूरो कार्यालय)
कोलकता (साई)। डॉक्टरों की हड़ताल से घिरीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को विपक्षी दलों पर हमला बोलने के लिए ‘बांग्ला कार्ड‘ खेला।
बाहरी लोगों के बहाने बीजेपी पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा कि अगर आप बंगाल में हैं तो आपको बांग्ला बोलनी होगी। उन्होंने कहा कि मैं ऐसे अपराधियों को बर्दाश्त नहीं करुंगी जो बंगाल में रहते हैं और बाइक पर घूमते हैं। ममता ने यह भी कहा कि वह पश्चिम बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगी।
उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल कांग्रेस की रैली को संबोधित करते हुए ममता ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘हमें बांग्ला को आगे लाना होगा। जब मैं बिहार, यूपी, पंजाब जाती हूं तो वहां की भाषा बोलती हूं। अगर आप पश्चिम बंगाल में रहते हैं तो आपको बांग्ला बोलना ही होगी। मैं ऐसे अपराधियों को बर्दाश्त नहीं करूंगी जो बंगाल में रहते हैं और बाइकों पर इधर-उधर घूमते हैं।‘
बीजेपी पर बोला सीधा हमला
बीजेपी पर सीधा हमला बोलते हुए ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह पश्चिम बंगाल को गुजरात नहीं बनने देंगी। बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर विपक्षी बीजेपी और सीपीएम पर हमला बोला है। ममता ने कहा कि विपक्षी दल डॉक्टरों को भड़का रहे हैं और मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं।
इस बीच बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, ‘ममता बनर्जी, आप प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। आपके अहंकार के कारण पिछले चार दिनों में कितने लोगों ने मौत का दरवाजा खटखटाया है…। कुछ तो शर्म करो…।‘
पश्चिम बंगाल में चौथे दिन चिकित्सा सेवाएं ठप
बता दें कि डॉक्टरों की हड़ताल के केंद्र पश्चिम बंगाल में आज चौथे दिन भी कई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं ठप हैं। राज्य में कई डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। अब तक 43 डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे की पुष्टि हो गई है। इस्तीफा देने वाले 43 डॉक्टरों में से 16 आरजी कार मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल कोलकाता के हैं, जबकि 27 अन्य डॉक्टर नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल दार्जिलिंग के हैं।
कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले में ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उन्होंने डॉक्टरों से बातचीत कर मामला सुलझाने का प्रयास क्यों नहीं किया। इसके अलावा उच्च न्यायालय ने ममता से पूछा कि आखिर उनकी सरकार ने अब तक डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं। पश्चिम बंगाल सरकार को न्यायालय ने जवाब देने के लिए एक सप्ताह का वक्त दिया है।

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