(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल को एक बिल्डर के घर में जबरन घुसने के मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने गत शुक्रवार को गोयल को इस मामले में दोषी ठहराया था।
अदालत ने कहा कि ऐसे अपराध के प्रति हतोत्साहित करने के लिए इस मामले में सजा जरूरी है। अदालत ने छह महीने के साधाराण कारावास की सजा के साथ दोषियों पर एक-एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। हालांकि, अदालत ने दोषियों को एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत देने के साथ सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति दे दी। अदालत ने सभी को भारतीय दंड संहित की धारा-448 (जबरन घर में घुसने) के तहत दोषी ठहराया लेकिन 72 वर्षीय गोयल ने अपने वकील मोहम्मद इरशाद के जरिए आरोपों से इनकार किया।
यह घटना 6 फरवरी 2015 की रात हुई थी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने गोयल और चार अन्य को इस मामले में दोषी करार देते हुए कहा था उनके खिलाफ मामला संदेह से परे साबित हुआ है। अदालत ने कहा, ‘…राम निवास गोयल, सुमित गोयल, हितेश खन्ना, अतुल गुप्ता और बलबीर सिंह को आईपीसी की धारा 448 (मकान में जबरन घुसने) के तहत दोषी ठहराया जाता है।‘
जानें क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने आज गोयल 6 महीने की कारावास की सजा सुना दी। बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले 6 फरवरी 2015 को स्थानीय बिल्डर मनीष घई के विवेक विहार स्थित घर गोयल अपने समर्थकों से साथ जबरन घुस गए थे। घई ने आरोप लगाया था कि उनके मकान के अंदर तोड़फोड़ भी की गई थी। प्राथमिकी के अनुसार गोयल ने घई पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव से पहले लोगों के बीच बांटने के लिए शराब, कंबल और अन्य चीजें छिपा रखी थी। वहीं, आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि वे लोग इस बारे में पुलिस नियंत्रण कक्ष (पीसीआर) को फोन करने के बाद स्थानीय थाना प्रभारी और सहायक पुलिस आयुक्त सहित पुलिस की एक टीम के साथ मकान में गए थे।

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