आईपीसी, सीआरपीसी में होगा बदलाव : शाह

 

(ब्यूरो कार्यालय)

लखनऊ (साई)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार आईपीसी व सीआरपीसी में आमूलचूल परिवर्तन करने जा रही है। ये कानून ब्रिटिश काल में बनाए गए थे। ब्रिटिश शासन की प्राथमिकता अपना राज्य संभालना था। अब नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए बदलाव किए जाएंगे। 

वे शुक्रवार को यहां लखनऊ में यूपी पुलिस के मुख्यालय में आयोजित 47वीं आल इंडिया साइंस कांग्रेस के समापन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने देश के सभी राज्यों के पुलिस बल से बदलाव के संबंध में सुझाव मांगे। साथ ही यह भी कहा कि यह सुझाव निचले स्तर से लिए जाएं और उन पर मंथन करके केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने इसका मसौदा पहले से भेज रखा है लेकिन वह अपने और सुझाव भी भेज सकता है, क्योंकि यह एक पवित्र प्रक्रिया है। ऐसे परिवर्तन बार-बार नहीं होते। कानून को ज्यादा से ज्यादा सरल और प्रभावी बनाने की जरूरत है। 

गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार नारकोटिक्स एक्ट में बदलाव के लिए विधेयक भी लाने जा रही है। नारकोटिक्स नस्लों को बर्बाद कर रहा है। मौजूदा नारकोटिक्स ब्यूरो का राज्यों के तंत्र से समन्वय नहीं है। ब्यूरो के पूरे ढांचे में बदलाव किया जाएगा। साथ ही राज्यों के लिए भी एडवाइजरी जारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि दुनिया का लीडर बनने का भारत का समय आ गया है। इसके लिए नारकोटिक्स पर पूरी तरह रोक लगानी होगी। इसी के साथ केंद्र सरकार आर्म्स एक्ट में भी बदलाव करने जा रही है। 

खोलेंगे रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय : गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्रीय रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय खोलने जा रही है। जिन राज्यों में पुलिस विश्वविद्यालय नहीं हैं, वे राज्य इससे संबंद्धता लेकर अपने यहां कॉलेज खोल सकते हैं। इसमें फोरेंसिक साइंस, कानून व पुलिस की कार्यप्रणाली पढ़ाई जाएगी। यह पुलिस के लिए प्रोफेशनल्स तैयार करेगा।

इसी तरह नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भी खोली जा रही है। इस यूनिवर्सिटी से सबंद्धता लेकर भी राज्य अपने यहां कॉलेज खोल सकते हैं। देश में सजा दिलाने की दर दयनीय है। सात साल के अधिक सजा के अपराधों में फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की रिपोर्ट को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए, लेकिन अभी इसके इतने विशेषज्ञ नहीं हैं। रेंज स्तर पर एफएसएल होनी चाहिए। साथ ही राज्य स्तर पर बड़ी एफएसएल होनी चाहिए।

 

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