पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त कुरैशी की राय
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश सरकार पर पनपे सियासी संकट के बीच दलबदल विरोधी कानून एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने यह सुझाव दिया है कि इस कानून में बड़े बदलाव की जरूरत है और खासतौर पर जो विधायक दलबदलू हैं, उन पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की जरूरत है।
इस संबंध में पूछे गए एक सवाल पर कुरैशी ने कहा, मैंने इसलिए कहा कि अगर किसी नेता ने अपनी पार्टी के लिए चुनाव लड़ा और जनता ने उसे उसकी पार्टी के लिए वोट दिया, लेकिन बाद में वही नेता किसी और पार्टी में चला गया तो उस वोटर के साथ धोखा हुआ है।
कुरैशी ने एक उदाहरण देते हुए कहा, जनता ने कांग्रेस को वोट दिया, लेकिन पैसे ने उस सरकार को तोड़कर बीजेपी की सरकार बना दी। यह उल्टा भी हो सकता है। कुरैशी ने एक बार फिर इस बात का जिक्र करते हुए कहा, मैं बस ये एक मिसाल दे रहा हूं।
कुरैशी ने कहा कि हॉर्स ट्रेडिंग (नेताओं की खरीद फरोख्त) को रोकने के लिए ही दलबदल विरोधी कानून बना था। मगर इस समय इसके मद्देनजर कोई फायदा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को एक स्थिरता चाहिए होती है और बार-बार चुनाव होना जनता के साथ गलत है।
क्या वर्तमान समय में नेताओं में नैतिकता नहीं बची है, इस सवाल पर उन्होंने कहा, यह पहले तो थोड़ी बहुत थी, मगर अब तो बिल्कुल चली गई है। कुरैशी ने आगे कहा कि इसी कारण से दलबदल विरोधी कानून आया था। कुरैशी से जब पूछा गया कि यह कांग्रेस में अधिक हो रहा है या बीजेपी में, इस पर उन्होंने कहा, अब तो सभी पार्टियों में ऐसा हो रहा है।
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त से सवाल किया गया कि आपको कौन सी पार्टी में हॉर्स ट्रेडिंग सिस्टम सबसे ज्यादा खराब लगता है, इस पर उन्होंने कहा, जिस पार्टी के पास सबसे अधिक पैसा है, वही ज्यादा कर पाती है।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.