(ब्यूरो कार्यालय)
सुरेंद्र नगर (साई)।गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में शुक्रवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करने के दौरान कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को तरुण गज्जर नाम के व्यक्ति ने थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद उन्होंने खुलासा किया कि ऐसा उन्होंने क्यों किया।
तरुण गज्जर ने न्यूज एजेंसी को बताया कि, ‘अगस्त 2015 के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समय मेरी पत्नी गर्भवती थी और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा था। उस समय मुझे आंदोलन की वजह से काफी परेशानियां झेलनी पड़ी और तभी मैंने सोच लिया था कि इस व्यक्ति को एक दिन सबक सिखाऊंगा।‘
तरुण गज्जर ने आगे बताया कि, ‘अहमदाबाद में हार्दिक की रैली की वजह से एक बार फिर मुझे परेशानी उठानी पड़ी। क्योंकि मुझे अपने बच्चे के लिए कुछ दवाएं खरीदनी थी, लेकिन उस समय पूरा गुजरात बंद किया गया था। वह कौन है? जो जब चाहे कुछ भी बंद कर सकता है। क्या वो गुजरात का हिटलर है?’ के मुताबिक सुरेंद्रनगर के एसपी महेंद्र बघेड़िया ने बताया कि, ‘हार्दिक को थप्पड़ मारने वाला व्यक्ति किसी पार्टी से संबंध नहीं रखता और वह आम आदमी है और उसपर उचित कार्रवाई की जा रही है।‘
न्यूज एजेंसी के मुताबिक गज्जर ने कहा, ‘मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं। मैं पिछले साढ़े तीन वर्षों से हार्दिक से नाराज था क्योंकि उसकी वजह से मेरी पत्नी और मेरे बच्चे परेशान हुए। मैं तबसे उस पर हमले की योजना बना रहा था। गज्जर ने कहा कि वह पूर्व में भी पटेल पर हमले का प्रयास कर चुका था।
उसने कहा, ‘मैंने 13 अप्रैल को कलोल में रैली के दौरान भी पहली बार हार्दिक पर हमले की योजना बनाई थी, लेकिन वह वहां नहीं आया। इसके बाद, मैंने 17 अप्रैल को बलीसाना में एक रैली के दौरान उस पर हमले की योजना बनाई थी। गज्जर ने कहा, “लेकिन मैं उस बार विफल हो गया। अंतत: मैं आज सफल हुआ। मैं पाटीदार समुदाय के खिलाफ नहीं हूं। मैं हार्दिक के खिलाफ हूं।”
आपको बता दें कि सुरेंद्रनगर जिले के एक गांव में हार्दिक पटेल ने मंच पर जैसे ही अपना भाषण देना शुरू किया, गज्जर अचानक मंच पर आया और उसने उन्हें थप्पड़ मार दिया। यह घटना रैली कवर कर रहे कई समाचार चैनलों के कैमरों में कैद हुई है। सुरेंद्रनगर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सोमा पटेल भी इस दौरान मंच पर मौजूद थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं, हार्दिक पटेल के समर्थकों और रैली में मौजूद अन्य लोगों ने फौरन उसे काबू में कर लिया और उसकी पिटाई भी की। जिसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर उसको मुक्त कराया और अपनी गाड़ी में उसे सुरक्षित स्थान तक ले गई और अस्पताल में इलाज कराया।