अभी रिटायर नहीं होंगी सोनिया गांधी

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

नई दिल्‍ली (साई)। रायबरेली से छठी बार लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान के साथ ही यूपीए की मुखिया सोनिया गांधी के राजनीति से रिटायरमेंट लेने की अटकलें खत्म हो गई हैं।

72 वर्षीय सोनिया गांधी करीब दो दशक से गैर-एनडीए दलों के बीच धुरी की तरह रही हैं। पार्टी के सीनियर लीडर्स का मानना है कि उनके रिटायरमेंट का वक्त अभी नहीं आया है और आने वाले समय में भी वह बीजेपी विरोधी पार्टियों के बीच एकता के लिए अहम धुरी होंगी।

रायबरेली से सोनिया गांधी की एक बार फिर उम्मीदवारी से उन कयासों पर लगाम लगी है, जिनमें यह कहा जा रहा था कि प्रिंयका गांधी वाड्रा परिवार की इस परंपरागत सीट से उतर सकती हैं। हालांकि अब पार्टी के नेताओं का कहना है कि प्रियंका के चुनाव न लड़ने से अब वे पूर्वांचल और अवध की अन्य सीटों पर ज्यादा समय दे पाएंगी।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि रायबरेली से सोनिया गांधी का चुनावी समर में उतरना इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि पार्टी आगे भी उन्हें गठबंधन के लिए अहम मानती है। देश की तमाम क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं के साथ सोनिया गांधी के बेहतर संबंध हैं, जो गठबंधन के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।

पार्टी नेताओं का कहना है कि अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनावों में राहुल गांधी और प्रियंका प्रचार को मजबूती देंगे। दूसरी तरफ सोनिया गांधी अन्य दलों के साथ चुनाव से पहले और बाद में गठबंधन के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकती हैं। कांग्रेस पार्टी फिलहाल युवा और अनुभवी नेतृत्व के बीच संतुलन स्थापित करने में जुटी है।

प्रियंका की एंट्री के बाद तेज थी रिटायरमेंट की चर्चा

काफी समय से इस बात की चर्चाएं थीं कि सोनिया गांधी 2019 के आम चुनाव में नहीं उतरेंगी और बेटन राहुल गांधी थामेंगे। खासतौर पर प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाए जाने के बाद से इन चर्चाओं को और बल मिला था। कहा यह भी जा रहा था कि प्रियंका गांधी को रायबरेली से उम्मीदवार बनाया जा सकता है।

चुनाव के बाद बढ़ जाएगी सोनिया की भूमिका

सोनिया गांधी के 19 साल के गठबंधन के अनुभव को अहम करार देते हुए एक दिग्गज कांग्रेसी ने कहा, ‘सोनिया गांधी की बड़ी स्वीकार्यता है। चुनाव के बाद यदि सरकार बनाने की संभावना बनती है तो फिर उनकी भूमिका गैर-बीजेपी दलों को जोड़ने में अहम साबित हो सकती है।