जेएनयू हिंसा में घायल JNUSU प्रेजिडेंट आइशी ने की वीसी को हटाने की मांग

(ब्‍यूरो कार्यालय)
नई दिल्‍ली (साई)। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) परिसर में रविवार को हुए हिंसक हमले में घायल हुईं जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आइशी घोष ने मामले की तत्काल जांच शुरू करने और वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मांग की है। आइशी के सिर पर चोट लगी है और उनका एम्स में उपचार किया गया। सिर पर पट्टी बांधे आइशी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में पूरे घटनाक्रम का ब्योरा दिया। उधर, आज एचआरडी मंत्रालय ने मामले पर बैठक की जिसमें वीसी एम जगदशी कुमार नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘यह पूर्वनियोजित हमला था। उन्होंने लोगों को चुन-चुनकर हमला किया। जेएनयू के सुरक्षकर्मी और हमलावर मिले हुए हैं। वे हिंसा रोकने के लिए नहीं आए।आइशी ने कहा कि मैंने खुद पुलिस को फोन किया था और मुझे आश्वस्त किया गया था कि किसी तरह की घटना नहीं होगी और कैम्पस से भीड़ को हटा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद 70 लोग आए और हमें रॉड से पीटना शुरू कर दिया।

आइशी ने जेएनयू के कुछ प्रफेसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले 4-5 दिनों से आरएसएस समर्थित प्रफेसर ने हमारे आंदोलन को तोड़ने के लिए हिंसा को बढ़ावा दिया।उन्होंने कहा, ‘हम इस घटना की निंदा करते हैं और वाइस चांसलर को तत्काल हटाए जाने की मांग करते हैं।‘ ‘स्टूडेंट्स पर इस्तेमाल किए गए आइरन रॉड का जवाब बहस और चर्चा से दिया जाएगा। जेएनयू की संस्कृति खत्म नहीं करने दी जाएगी। जेएनयू अपनी लोकतांत्रिक संस्कृति को बरकरार रखेगा।

HRD की बैठक वीसी नहीं

एचआरडी मंत्रालय ने सोमवार को जेएनयू प्रशासन के साथ बैठक की। हालांकि, इस बैठक में वीसी जगदीश कुमार शामिल नहीं हुए। बैठक में जेएनयू रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर और प्रशासन के अन्य अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने मंत्रालय के अधिकारियों को परिसर में हुए हमले के घटनाक्रम और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी। उधर, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को राजनीतिक अड्डा नहीं बनने दिया जा सकता।

 

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