वेबकैम से हो रही आपकी रिकॉर्डिंग
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। अगर आप ऑनलाइन पॉर्न देखते हैं, तो इस खबर को पढ़ने के बाद आप ऐसा करना बंद कर सकते हैं। ऑनलाइन पॉर्न देखना आपको बड़ी मुसीबत में डाल सकता है क्योंकि आप अनजाने में खुद को हैकर्स के टारगेट में ला रहे हैं। आजकल हैकर्स ऑनलाइन पॉर्न देखने वाले यूजर्स के कंप्यूटर को हैक करके उसे मॉनिटर करते हैं और बड़ी चालाकी से उसका विडियो रिकॉर्ड कर लेते हैं और आपको इसकी भनक भी नहीं लगती है।
वेबकैम से रिकॉर्ड होता है विडियो
यूजर की ऑनलाइन ऐक्टिविटी को रिकॉर्ड करने के लिए हैकर्स पीसी या लैपटॉप में एक मैलवेयर को इंस्टॉल करते हैं। मैलवेयर के इंस्टॉल होने के बाद हैकर्स वेबकैम के जरिए विडियो बना लेते हैं, जिसमें यूजर पॉर्न देखते नजर आता है। असली खेल यहीं शुरू होता है। ये हैकर यूजर को एक ईमेल भेजकर पैसों की मांग करते हैं। इतना ही नहीं पैसा न दिए जाने की स्थिति में यूजर के विडियो को सभी कॉन्टैक्ट्स के पास भेजने की धमकी भी दी जाती है। साइबर क्राइम की दुनिया में इसे सेक्सटॉर्शन (विडियो बनाकर ब्लैकमेल करना) कहा जाता है।
सेक्सटॉर्शन ईमेल्स से भर देते हैं इनबॉक्स
ये हैकर्स यूजर्स के इनबॉक्स को सेक्सटॉर्शन ईमेल्स से भर देते हैं। हैकर्स की कोशिश रहती है कि इन ईमेल्स से यूजर को इतना परेशान कर दिया जाए कि वह उन्हें पैसे देने के लिए तैयार हो जाए। हैकर्स पैसों की डिमांड बिटकॉइन में करते हैं। आमतौर पर यूजर्स इन ईमेल्स को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन इन हैकर्स के पास इसका भी तोड़ है। यूजर्स को रिकॉर्ड किए गए पॉर्न विडियो के बारे में यकीन दिलाने के लिए ये हैकर यूजर के कुछ ऑनलाइन डीटेल्स की जानकारी देते हैं।
स्मार्ट हो गए हैं हैकर
कुछ साल पहले तक ऐसे ईमेल इनबॉक्स की बजाय स्पैम फोल्डर में जाते थे। हालांकि, टेक्नॉलजी के अडवांस होने के साथ ही हैकर्स की काफी स्मार्ट हो गए हैं। इन हैकर्स ने अब जीमेल, याहू, आईक्लाउड जैसी ईमेल सर्विस की तरफ से दी जाने वाली फिल्टर सिक्यॉरिटी को बाईपास करने का तरीका ढूंढ लिया है। लिहाजा सेक्सटॉर्शन से जुड़े ऐसे ईमेल अब सीधे यूजर के इनबॉक्स में पहुंचते हैं।
विदेशी भाषाओं में भेजे जाते हैं ईमेल
ब्लीपिंग कंप्यूटर की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेक्सटॉर्शन स्कैम अब अलग-अलग विदेशी भाषाओं में भी किए जा रहे हैं। इसके साथ ही हैकर्स बिटकॉइन अड्रेस को भी दो भागों में बांट रहे हैं। यही कारण है कि ये ईमेल फिल्टर्स की पकड़ में नहीं आते। ईमेल केवल ‘Google Translator’ ही इकलौता अंग्रेजी शब्द नजर आता है।
हालांकि, इसमें राहत की बात यह है कि गूगल, ऐपल और माइक्रोसॉफ्ट इस तरह के स्कैम को रोकने के लिए नए सिस्टम को डिवेलप कर रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही ऐसे सेक्सटॉर्शन ईमेल्स को रोका जा सकेगा।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.