(ब्यूरो कार्यालय)
श्रीनगर (साई)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला पर पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत हुई कार्रवाई को उनकी बहन ने अदालत में चुनौती दी है। उमर की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में इस कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर करते हुए अपने भाई की रिहाई की मांग की है। सारा ने याचिका में कहा है कि उमर के खिलाफ सरकार के पास कोई सबूत नहीं है और सरकार से असहमत होना हर नागरिक का अधिकार है।
इससे पहले 6 फरवरी को सरकार ने नैशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती पर पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत कार्रवाई की थी। महबूबा पर पीएसए लगाने के बाद सरकार ने दलील दी थी कि वह अनुच्छेद 370 के अंत से पहले अलगाववादी संगठनों के साथ काम कर रही थीं। वहीं उमर पर हुई कार्रवाई को लेकर जारी डोजियर में कहा गया था कि वह जनता के बीच काफी प्रभावी हैं। सरकार ने कहा था कि उमर अपने प्रभाव के कारण जनता की ऊर्जा का किसी भी रूप में प्रयोग कर सकते हैं, ऐसे में उन पर पीएसए लगाना जरूरी है।
श्रीनगर में नजरबंद हैं उमर अब्दुल्ला
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सारा अब्दुल्ला ने कहा है कि उमर के खिलाफ पीएसए लगाना उनके अधिकारों का हनन है और इसलिए इसे वापस लिया जाना चाहिए। सारा ने याचिका में उमर को तत्काल रिहा करने की मांग भी की है। बता दें कि उमर फिलहाल श्रीनगर के गुपकार रोड स्थित अपने आवास में नजरबंद हैं।

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