(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। करगिल विजय दिवस के 20 साल मनाते हुए भारतीय सेना ने एक अहम फैसला किया है। अब भारतीय सेना के शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिजन भी उनकी बहादुरी के लिए मिले मेडल पहन सकेंगे। कुछ खास मौकों पर उन्हें यह पहनने की इजाजत दी गई है। इस संबंध में भारतीय सेना की तरफ से ऑर्डर जारी कर दिया गया है।
भारतीय सेना की तरफ से जारी ऑर्डर में कहा गया है कि अबतक मेडल वही फौजी या रिटायर्ड फौजी पहन सकते हैं जिन्हें वह मेडल उनकी बहादुरी या देशसेवा के लिए मिला है। लेकिन शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिजनों (नेक्स्ट ऑफ किन) ने यह इच्छा जताई थी कि वह मृत पूर्व सैनिकों के सम्मान में उनके कमाए हुए मेडल पहन सकें। यह अपील की गई थी कि खास मौकों में उन्हें यह पहनने की इजाजत दी जाए।
भारतीय सेना ने इस मसले को देखा और महसूस किया कि इसकी इजाजत देने से शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिजनों में गर्व का भाव आएगा और इसके जरिए शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा सकेगी। कुछ देशों में इसकी इजाजत है। भारतीय सेना ने तय किया है कि अब परिजन फैमिली मेडल को दायीं छाती पर पहन सकते हैं। खास मौकों पर जैसे वॉर मेमोरियल में होमेज सेरिमनी या अंतिम संस्कार के वक्त वह फैमिली मेडल (पति, पत्नी, पैरंट्स, दादा, परदादा, बच्चे) पहन सकते हैं।
जहां फौजी और रिटायर्ड फौजी अपने मेडल बायीं छाती पर पहनते हैं वहीं परिजन फॉर्मल सिविल ड्रेस में मेडल दायीं छाती पर पहन सकेंगे। अगर एक सेट से ज्यादा फैमिली मेडल हैं तो एक सेट पहन सकते हैं।

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