सरोगेट मदर को लेकर बड़ा बदलाव
(ब्यूरो कार्यालय)
नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय कैबेनेट ने राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को बुधवार को मंजूरी दे दी। नए बदलाव के मुताबिक, करीबी रिश्तेदारों के अलावा अब कोई भी महिला सरोगेट बन सकती है, अगर वह इच्छुक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, ‘राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी की सिफारिशों को शामिल करते हुए सरोगेसी रेग्युलेशन बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल गई।‘ संसद की एक कमिटी ने सिफारिश की थी सिर्फ करीबी रिश्तेदारों को नहीं बल्कि कोई भी ऐसी महिला, जो इच्छुक हो वह सरोगेट बन सकती है।
‘भारतीय मूल के दंपत्तियों को ही मिलेगा अधिकार‘
बताते चलें कि राज्यसभा की 23 सदस्यीय सेलेक्ट कमिटी ने सरोगेसी रेग्युलेशन बिल 2019 में 15 महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आपको बता दें कि सरोगेसी में बच्चे की मां खुद गर्भवती ना होकर किराए की कोख का इस्तेमाल करती है यानी उसके एग्स को लेकर कोई दूसरी महिला गर्भवती होती है और बच्चे को जन्म भी देती है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि विधेयक में यह प्रस्ताव किया गया है कि केवल भारतीय मूल के दंपती ही देश में किराए की कोख को अपना सकते हैं ।
गौरतलब है कि संशोधित विधेयक उस मूल विधेयक का परिष्कृत प्रारूप है, जो पिछले वर्ष लोकसभा में पारित हुआ था लेकिन कई सदस्यों ने इसका विरोध किया था। सरकार ने इसके बाद विधेयक को राज्यसभा की सेलेक्ट कमिटी को भेजने पर सहमति व्यक्त की थी, जिसके प्रमुख बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव हैं। समिति ने विभिन्न पक्षकारों से बातचीत करके इस विधेयक पर अपनी सिफारिशें दी थीं। संशोधित विधेयक बजट सत्र के दूसरे हिस्से में अगले महीने पेश किया जा सकता है।

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