(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन की अध्यक्षता में समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत आयोजित गतिविधियों की समीक्षा बैठक का आयोजन विगत दिवस वनविद्यालय, विकासखण्ड लखनादौन में किया गया है।
बैठक में कलेक्टर सह जिला मिशन संचालक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सिवनी, जिला परियोजना समन्वयक, निपुण प्रोफेशनल, एपीसी अकादमिक, मोबिलाइजेशन, ईएंडआर जि.शि.केन्द्र, विकासखण्ड लखनादौन, घंसौर, धनौरा एवं छपारा के बीआरसीसी, जन शिक्षा केन्द्र प्रभारी, बीएसी, जन शिक्षक की उपस्थिति रही।
बैठक में कलेक्टर सुश्री संस्क्रृति जैन ने शिक्षा विभाग के एफएलएन कार्यक्रम की महत्वता बताते हुए कहा कि जिले में रहते हुए एफएलएन कार्यक्रम‘‘डीमप्रोजेक्ट‘‘ के रूप में है। उन्होंने निर्देशित किया कि जिले के सभी विद्यालयों में शैक्षणिक केलेण्डर अनुसार एफएलएन गतिविधियों का आयोजन किया जाए। एफएलएन प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षक प्रशिक्षण अनुरूप ही कक्षा में शिक्षण कार्य करें तथा एफएलएन कक्ष में रीडिंग कॉर्नर विधिवत संचालित हो। उन्होंने 04 दिसम्बर 2024 को प्रस्तावित एनएएस के मूल्यांकन को लेकर निर्देशित किया कि मूल्यांकन में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की तैयारियों के लिए स्वयं सिद्ध चैक बोर्ड पर छात्र-छात्राओं से अभ्यास पुराने ऑलंपियार्ड के प्रश्न पत्र के माध्यम से छात्र-छात्राओं की तैयारियां कराई जाए तथा आगामी समय में होने वाले नवोदय प्रवेश परीक्षा, एनएमएमएस एवं ओलंपियाड की तैयारी जिले के समस्त विद्यालय में संचालित किया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि जिले के कक्षा 01 से 12 तक के नामांकन में शेष रहे ट्रांजेक्शन केा तत्काल पूर्ण करने एवं कक्षा 01 में दर्ज समस्त छात्र-छात्राओं की मैपिंग तत्काल समय-सीमा में पूर्ण कराया जाए एवं यूडाइस प्लस अंतर्गत ड्राप बॉक्स, टीचर प्रोफाईल, स्कूल प्रोफाईल, पाठ्यपुस्तक वितरण,गणवेश वेरीफिकेशन, साइकिल वितरण को ऑनलाइन किये जाने वाली सभी गतिविधियॉ समय-सीमा में पूर्ण की जाए। कलेक्टर सुश्री जैन द्वारा शिक्षक विद्यालय में उपलब्ध संसाधन का अधिकतम उपयोग किया जाए। ईपीईएस शाला होने उपरांत भी प्राचार्य एवं प्रधानपाठकों में समन्वयक की कमी दिखाई दे रही है, इस प्रकार की पुनरावृत्ति भविष्य में ना हो ईपीईएस में एक ही निरीक्षण, अवलोकन पंजी रहेंगी। जिले एवं विकासखंड के अधिकारी को संस्था प्रमुख अवलोकन पंजी उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देशित किया गया तथा शासन स्तर से एकीकृत राशि दर्ज संख्या के अनुपात में दी जाती है, जिसका उपयोग विधिवत ईपीई एस शाला में समग्र रूप से किया जाए। जनशिक्षा केन्द्र स्तर से शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करते हुए उपयोग किया जाना सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि विषय शिक्षण में विशेष योग्यता रखने वाले शिक्षक का अन्य विद्यालयों, कक्षाओं में भी उपयोग किया जा सकता है, विकासखंड में शिक्षक संगोष्ठी आयोजित कर शिक्षण व्यवस्था को अधिक उपयोगी बनाने हेतु चर्चा की जाए तथा एएमसी के माध्यम से प्रत्येक विद्यालय के सभी कक्षों में उचित प्रकाश की व्यवस्था एवं विद्यालय की पुताई, साफ-सफाई दिपावली के पूर्व किया जाना सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जनशिक्षक निश्चित संख्या में विद्यालयों के लिए जिम्मेदार हो और इसका निर्धारण विकासखंड के द्वारा किया जाए, इसी प्रकार बीआरसीसी अपने बीएसी को जनशिक्षा केन्द्रों का आवंटन करें तथा एमडीएम की मॉनिटरिंग नियमित रूप से किया जाए एवं मेन्यू अनुसार स्वादिष्ट भोजन बच्चों को उपलब्ध कराया जाए तथा प्रत्येक विद्यालय में कार्यरत समस्त स्टाफ एवं रसौइयों की जानकारी का फ्लेक्स फोटो सहित विद्यालय के बाहर लगाना सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक विकासखंड के जनशिक्षाकेन्द्र विधिवत संचालित पाए जाने पर ही उनकी निर्धारित राशि जारी की जाए।
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