पीएमएफएमई जागरूकता संगोष्ठी में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापना हेतु किया गया प्रोत्साहित

(ब्यूरो कार्यालय)

सिवनी (साई)। द्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल के मार्गदर्शन में विगत 25 जुलाई को  प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना (PMFME) अंतर्गत जिला स्तरीय जागरूकता संगोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मालती डहेरिया के मुख्य आतिथ्य में नगरपालिका हॉल में आयोजित हुआ।

कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती डहेरिया ने अपने संबोधन में उपस्थित उद्यमियों व कृषकों को योजना का लाभ लेते हुए आहार, आटा मिल, रईस मिल व अन्य यूनिट स्थापित कर लाभ अर्जित करने हेतु प्रोत्साहित किया गया।

जागरूकता संगोष्ठी कार्यक्रम में कलेक्टर श्री क्षितिज सिंघल ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों व कृषकों को PMFME योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित करते हुए अवगत कराया कि योजना अंतर्गत आवेदन करने, बैंक ऋण लेने एवं अन्य आवश्यक लायसेंस की प्रक्रिया हेतु जिला रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति की गई है, जिसके माध्यम से जिले के अधिक से अधिक युवा एवं कृषक उद्यमी आवेदन कर लाभ ले सकते हैं।

इसी कड़ी में सहायक संचालक उद्यान डॉ आशा उपवंशी वासेवार द्वारा अयोजित हुए कार्यक्रम की रूप रेखा एवं PMFME योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत जिले के कृषक, उद्यमी जिले में उत्‍पादित विभिन्न खाद्य फसलों जैसे धान, मक्‍का, गेंहू, मिर्च, टमाटर, हल्दी, अदरक, सीताफल, नींबू, आम, केला, दुग्‍ध उत्‍पाद एवं अन्य फसलों से संबधित प्रोसेसिंग यूनिट जिसमें राईस मिल, फ्लोर मिल, गुड़ मेकिंग यूनिट, पशु आहार यूनिट, डेयरी उत्पाद यूनिट स्थापित कर सकते है। उक्त योजना में पात्र हितग्राही को परियोजना लागत का 35 % अधिकतम दस लाख रूपये अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। उन्होंने योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया एवं आवेदन हेतु कौन-कौन से दस्तावेज की आवश्यकता होती है एवं बैंक लोन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।

सहायक संचालक उद्यान श्रीमती वासेवार ने बताया कि आज दिनांक तक जिले में पीएमएफएमई योजना अंतर्गत कुल 647.7 लाख रूपये की लागत के 39 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के 544.5 लाख रूपये के बैंक ऋण स्वीकृत हुए हैं एवं उपरोक्‍त 39 खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को उद्यानिकी विभाग के माध्यम से 142.2 लाख रूपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है।

कार्यक्रम में जिला संगोष्ठी के वैज्ञानिक डॉ जी.के. राणा द्वारा जिले में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापना की संभावनाओं की जानकारी देते हुए बताया गया कि अदरक से सोंठ, हल्दी से पाउडर एवं कलर, लहसुन एवं प्याज से पाउडर तथा पेस्ट, आम को सुखाकर अमचूर, आलू से चिप्स, करोंदा से अचार, करेला व सेमी को सुखाकर, आम अमरुद, नींबू, सीताफल आदि फलों का पल्प निकालकर जैम, जैली, जूस एवं आईसक्रीम आदि बनाकर मूल्य प्रवर्धन कर सकते हैं, जिसके लिए विभाग द्वारा इक्षित हितग्राही को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसी क्रम में उपसंचालक कृषि श्री मोरिश नाथ द्वारा कृषि फसलों के खाद्य प्रसंस्करण संभावनाओं के विषय पर, महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र सिवनी श्री आर एस उइके द्वारा खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों को अतिरिक्त सहायता एवं पशुपालन विभाग से श्री मनीष शेंडे द्वारा दुग्ध उत्पादों के प्रसंस्करण संभावनाओं पर उपस्थित कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई। जागरूकता संगोष्ठी में PMFME योजना से लाभांवित जिले के विभिन्न उद्यमियों द्वारा भी अपने अपने अनुभव साझा किए गए।