(ब्यूरो कार्यालय)
गोरखपुर (साई)। महाकुंभ के दौरान गोरखपुर से प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। गोरखपुर परिवहन निगम ने महाकुंभ मेला स्पेशल बसों का संचालन शुरू करने की योजना बनाई है। ये बसें झूंसी और दुर्जनपुर में रुकेंगी, जिससे श्रद्धालु आसानी से मेला क्षेत्र तक पहुंच सकेंगे।
मुख्य बिंदु:
बसों की संख्या: गोरखपुर परिक्षेत्र से लगभग 2300 बसें चलाई जाएंगी।
रूट: ये बसें गोरखपुर परिक्षेत्र के 38 स्थानों से होकर गुजरेंगी और झूंसी और दुर्जनपुर में रुकेंगी।
सुविधाएं: श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बसों में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
शटल सेवा: झूंसी और दुर्जनपुर से मेला क्षेत्र के लिए शटल बस सेवा भी उपलब्ध होगी।
बुकिंग: श्रद्धालु गांव से ही बस बुक कर सकते हैं।
बसों का संचालन जनवरी के पहले सप्ताह से शुरू हो जाएगा।
सभी बसों को नए रंग और डिजाइन में तैयार किया जा रहा है।
चालक और परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
गोरखपुर परिवहन निगम द्वारा की गई यह पहल महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए काफी उपयोगी होगी। इससे श्रद्धालुओं को प्रयागराज आने-जाने में आसानी होगी।
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जाने वाली रोडवेज की महाकुंभ मेला स्पेशल बसें झूंसी में रुकेंगी। मौनी अमावस्या आदि प्रमुख स्नानों पर भीड़ बढ़ने पर बसों को दुर्जनपुर में ही रोक दिया जाएगा। महाकुंभ में बसों के निर्बाध संचालन व श्रद्धालुओं को प्रयागराज तक सुगमता के साथ पहुंचाने के लिए गोरखपुर परिवहन निगम झूंसी (रीजनल वर्कशाप के निकट) तथा दुर्जनपुर में अस्थायी बस स्टेशन तैयार कर रहा है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए गोरखपुर परिक्षेत्र से 2300 महाकुंभ मेला स्पेशल बसें चलाई जाएंगी। जिसमें 390 गोरखपुर परिक्षेत्र की तथा 1910 बसें यूपी के विभिन्न डिपो की होंगी, जो गोरखपुर परिक्षेत्र की 38 प्वाइंटों से होकर गुजरेंगी। यह सभी बसें भगवा रंग में एक डिजाइन की होंगी, जिसमें अधिकतर नई होंगी। पुरानी बसों को युद्धस्तर पर डेंड-पेंट कराया जा रहा है।
यह भी जनवरी में पूरी तरह सड़क पर दौड़ने के लिए फिट हो जाएंगी। गोरखपुर, राप्तीनगर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर बस डिपो के अलावा गोरखपुर परिक्षेत्र के 38 स्थानों से होकर प्रयागराज महाकुंभ मेला के लिए चलाई जाएंगी।
परिवहन निगम ने सभी प्वाइंटों को चिन्हित कर लिया है। मेला प्वाइंट बड़हलगंज से 140, गगहा से 30, गोरखपुर से 190, नौसढ़ से 20, हाटा से 20, कौड़ीराम से 70, मझगांवा से 20, सेंवई बाजार से 20, पडरौना से 35, कसया से 20, खलीलाबाद से 50, रुद्रपुर से 10, महराजगंज से 50, निचलौल से 20, ठूठीबारी/सिसवा से 20, पनियरा से 20, नौतनवा/आनंदनगर से 20, सोनौली से 15, गोला से 250, खजनी से 130, उरुवा से 159, कलवारी से 68, मुखलिसपुर से 50, बांसगांव से 55, बरहज से 50, लार से 20, देवरिया से 60, बांसी से 30, डुमरियागंज से 20, बस्ती से 80, बढ़नी से 30, सिद्धार्थनगर से 20, मेहदावल से 60, बेलघाट/धनघटा से 45, शोहरतगढ़ से 33 और गायघाट से 10 बसें महाकुंभ मेला के लिए गुजरेंगी।
गोरखपुर परिक्षेत्र से पहुंचने वाले श्रद्धालु झूंसी या दुर्जनपुर में ही बस से उतर जाएंगे। इससे आगे मेला क्षेत्र में जाने के लिए शटल बसों की व्यवस्था रहेगी, जो श्रद्धालुओं को लेकर मेला क्षेत्र के अंतिम प्वाइंट तक पहुंचेंगी। यानी, प्रयागराज के अंदर शटल बसें ही चलेंगी।
शटल सेवा के लिए गोरखपुर परिक्षेत्र से 50 बसें प्रयागराज डिपो को भेजी जाएंगी। सभी बसें 10 जनवरी तक चालक और परिचालक के साथ प्रयागराज पहुंच जाएंगी, जो फरवरी तक संचालित होंगी। प्रयागराज डिपो ने 350 शटल बसों की व्यवस्था की है।
प्रयागराज जाने वाले दूर-दराज गांव के श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है। गांव को कोई भी व्यक्ति गांव से महाकुंभ मेला स्पेशल बस बुक कर सकता है। बुक की गईं महाकुंभ मेला स्पेशल बसें गांवों से सीधे प्रयागराज के अस्थायी स्टेशन तक पहुंचेगी। श्रद्धालुओं को वापस गांव तक पहुंचाएंगी। बुक करने वाले श्रद्धालु के लिए दो सीटों पर फ्री यात्रा की सुविधा मिलेगी।
परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक लव कुमार सिंह का कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो। महाकुंभ में बस लेकर चलने वाले सभी चालक और परिचालक वर्दी और नेम प्लेट के साथ ड्यूटी करेंगे। बसें निर्धारित पार्किंग पर ही खड़ी करेंगे।
श्रद्धालुओं से मधुर व्यवहार करेंगे। नशा पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। पकड़े जाने पर कार्रवाई होगी। अधिकारियों सहित कर्मचारियों, चालकों और परिचालकों की छुट्टी 10 जनवरी से 28 फरवरी तक निरस्त कर दी है। शासन की गाइड लाइन जारी कर दी गई है।
कर्नाटक की राजधानी बंग्लुरू में समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो के रूप में कार्यरत श्वेता यादव ने नई दिल्ली के एक ख्यातिलब्ध मास कम्यूनिकेशन इंस्टीट्यूट से पोस्ट ग्रेजुएशन की उपाधि लेने के बाद वे पिछले लगभग 15 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं.
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