रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के तृतीय दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को दी उपाधियाँ
(प्रतीक जाधव)
भोपाल (साई)। उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण की फैक्ट्रियाँ हैं और शिक्षकगण इन संस्थाओं के कुशल कारीगर। वे सोमवार को रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के तृतीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।
श्री शुक्ल ने विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि युवा अपने ज्ञान का उपयोग केवल व्यक्तिगत उन्नति नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के कल्याण के लिए करें।
‘स्किल, स्केल और स्पीड’ से भारत बनेगा विश्वगुरु
उप मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अधोसंरचना, अर्थव्यवस्था और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति कर रहा है। उन्होंने वर्ष 2047 तक भारत को विश्वगुरु बनाने के संकल्प की पुनः पुष्टि की और कहा कि ‘स्किल, स्केल और स्पीड’ के सिद्धांतों पर काम करते हुए देश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा प्रतिपादित “धरती से दौलत निकालनी होगी” के विचार को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘नदी जोड़ो परियोजना’ के माध्यम से कृषि क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हो रही है।
युवाओं से सकारात्मक बदलाव का आह्वान
श्री शुक्ल ने युवाओं से नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूर रहने और अपनी ऊर्जा का सदुपयोग स्वयं, समाज और राष्ट्र के हित में करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि समाज आज युवाओं की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है, और युवाओं को इस विश्वास पर खरा उतरना होगा।
स्मारिका और पुस्तक विमोचन
समारोह में उप मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की दीक्षांत स्मारिका और “कंप्यूटर एक परिचय” पुस्तक के 41वें संस्करण का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलगुरु डॉ. आर.पी. दुबे, इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री राधाकांत पाढ़ी, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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