(एल.एन. सिंह)
प्रयागराज (साई)। करेली दुर्गा पूजा पार्क में आंवला नवमी धूमधाम से मनाई गई। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ब्रह्मा जी अपनी कठिन तपस्या में लीन थे तपस्या करते-करते ब्रह्माजी की आँखों से ईश प्रेम के अनुराग के आँसू टपकने लगे थे ब्रह्मा जी के इन आँसुओं से आँवला का पेड उत्पन्न हुआ, एक बार माँ लक्ष्मी पृथ्वी की परिक्रमा करने के लिए आईं तो उनकी इच्छा हुई कि भगवान शंकर व भगवान विष्णु की पूजा एक साथ की जाए ,विष्णु जी को तुलसी जी अति प्रिय है व शंकर जी को बेल पत्र।
इन दोनों वृक्षों के सभी गुण आँवले के वृक्ष में मौजूद है, अतः देवी लक्ष्मी ने आँवले के वृक्ष की पूजा की ताकि दोनों भगवान प्रसन्न हो जाएं। कहा जाता है कि आँवला नवमी पर आंवले के पेड़ के नीचे पका हुआ भोजन खाने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय उन्हें भोग में आंवला ज़रूर चढ़ाएं, आंवले के पेड़ की 108 परिक्रमा कर दान करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
कार्यक्रम के शुरूआत में दुर्गा पूजा पार्क स्थित आंवले के पेड़ के नीचे महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना की गई जिसमें पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त डॉ शिखा दरबारी , पूर्व महापौर श्रीमती अभिलाषा गुप्ता एवं शहर की प्रतिष्ठित डॉ कृतिका अग्रवाल सहित अन्य महिलाओं द्वारा विधिवत पूजा अर्चना तथा परिक्रमा की गई। चर्चा के दौरान डॉ शिखा दरबारी एवं श्रीमती अभिलाषा गुप्ता ने जहां धार्मिक मान्यताओं के बारे में बताया वहीं डॉ कृतिका अग्रवाल ने आंवले के औषधीय गुणों से परिचित कराया। आंवला एक बहुत ही पौष्टिक फल है जो आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आंवला में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है, जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाता है। यह सर्दी, खांसी, और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने में मदद करता है। रोजाना 1-2 ताजा आंवला का सेवन करना सुरक्षित और फायदेमंद होता है। इसे कच्चा खा सकते हैं या इसका रस निकालकर सेवन कर सकते हैं। पूजा अर्चना के पश्चात भण्डारे का भी आयोजन था, बडी मात्रा में लोगों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया तथा इस कार्यक्रम में शामिल हुए ज्ञानेन्द्र श्रीवास्तव, अंसू श्रीवास्तव, नीलम मौर्या, योगेश्वर, अरुण सिंह, धर्मेंद्र सिंह, रजनी खन्ना, रिचा कपूर, आभा श्रीवास्तव, अजय अग्रवाल, देवेंद्र श्रीवास्तव, कामनी सहाय मौर्य आदि उपस्थित थे।