कुंभ मेला प्रशासन और अखाड़ों के संतों के बीच बेहतर समन्वय से अखाड़ों की बसावट का चरण पूरा
(एल.एन. सिंह)
प्रयागराज (साई)। प्रयागराज में होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 में आस्था के रंग बिखरने लगे हैं।
कुंभ क्षेत्र में सनातन धर्म के शिखर 13 अखाड़ों की बसावट का पहला चरण पूरा हो गया है। महाकुंभ में जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के लिए भूमि आवंटन का चरण पूरा हो गया है। सीएम योगी के निर्देश पर कुंभ मेला प्रशासन ने अखाड़ों के संतों की सहमति से कुंभ क्षेत्र में छावनी बसाने के लिए सभी 13 अखाड़ों को भूमि आवंटित कर दी गई।
मंगलवार को तीन वैष्णव अखाड़ों को भी कुंभ क्षेत्र के अखाड़ा सेक्टर में मेला प्रशासन की तरफ से भूमि का सीमांकन हेतु उन्हें भूमि प्रदान कर दी गई। एडीएम कुंभ विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों के पूज्य संतो के साथ सहमति और विचार विमर्श के बाद 18 और 19 नवंबर को भूमि वितरण का जो कार्यक्रम रखा गया था, उसी के अनुरूप तीनों वैष्णव अखाड़ों को कुंभ क्षेत्र में भूमि वितरित कर दी गई। इस अवसर श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, श्री दिगंबर अनी अखाड़ा और श्री निर्वाणी अनी अखाड़ा के प्रमुख पदाधिकारी और संत उपस्थित रहे। श्री निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष महंत मुरली दास का कहना है कि मेला प्रशासन के साथ सहमति के बाद अखाड़ों को आवश्यक भूमि का आवंटन हो गया है।
अब भूमि पर टीन का घेरा करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिव्य और भव्य महाकुंभ के आयोजन की परिकल्पना ने कुंभ क्षेत्र में उतरना शुरू हो गई है। कुंभ क्षेत्र में जन आस्था के वाहक और सनातन संस्कृति के प्रतीक अखाड़ों को भूमि आवंटन की प्रकिया का समापन हो गया है। कुंभ क्षेत्र में तीन वैष्णव अखाड़ों को भी भूमि वितरित कर दी गई। संन्यासी और उदासीन अखाड़ों के संतों को ही भूमि का आवंटन किया जा चुका है। इस तरह सौ बीघे से अधिक की भूमि अखाड़ों के संतो की सहमति से उन्हें वितरित कर दी गई। अखाड़ों के बाद अब दंडी बाड़ा, आचार्य बाड़ा, खाकचौक व्यवस्था समिति और खालसों को भूमि वितरित की जाएगी।