जानिए न्याय के देवता धर्मराज भगवान चित्रगुप्त महाराज के बारे में विस्तार से . . .

जानिए भाई दूज के दिन क्यों की जाती है धर्मराज भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा . . .
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धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज को न्याय का देवता माना जाता है। भगवान श्री चित्रगुप्त के पास सभी का लेखा जोखा रहता है जिसके आधार पर ही उसे स्वर्ग या नरक की पात्रता प्राप्त होती है। दीवाली के पांच दिवसीय त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज के पर्व पर धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा उनके वशंजों के द्वारा की जाती है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसी दिन धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा का विधान भी है। साथ ही लेखनी की पूजा भी धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा के दौरान ही की जाती है।
वैसे तो ज्यादातर लोगों को धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के बारे में पता है। लेकिन जिन लोगों को जानकारी नहीं नहीं है, उन्हें हम बता रहे हैं कि धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज कौन हैं और इनकी पूजा का क्या महत्व है।
अगर आप भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी की अराधना करते हैं और अगर आप भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज जी के भक्त हैं तो कमेंट बाक्स में जय चित्रगुप्त देवा, जय श्री चित्रगुप्त महाराज लिखना न भूलिए।
जानिए, कौन हैं धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज
हिंदू धर्म से जुड़ी पौराणिक कथा के अनुसार धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज का जन्म सृष्टि के रचयिता भगवान बम्हा जी की काया से हुआ था। धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज को न्याय के देवता, देवताओं के लेखपाल और यम के सहायक के रूप में पूजा जाता है। धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज का कार्य मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों का लेखा जोखा रखना है। माना जाता है कि मनुष्य को उनके कर्मों के अनुसार ही फल की प्राप्ति होती है और उनके जीवन व मृत्यु की अवधि का हिसाब किताब भी कर्मों के अनुसार ही लिखा जाता है। ये लेखा जोखा भी धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज ही रखते हैं। इसलिए धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज मुख्य रूप से यम देव के सहायक माने गए हैं।
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दरअसल, भाई दूज पर यम ने अपनी बहन यमुना को एक वरदान दिया था। इस वरदान के अनुसार भाई दूज के दिन जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर, बहन के हाथों माथे पर तिलक लगवायेगा और उसके यहां भोजन करेगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। इसलिए भाई दूज के इस त्योहार को यम द्वितीया भी कहा जाता है। चूंकि धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज, यम देव के सहायक हैं, इसलिए भाई दूज के दिन धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा भी की जाती है।
जानिए धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा का महत्व,
धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज मुख्य रूप से लेखा जोखा रखने का कार्य करते हैं। इसलिए इनका मुख्य कार्य लेखनी से जोड़कर देखा जाता है। यही वजह है कि भाई दूज के दिन धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के प्रतिरूप के तौर पर कलम का पूजन भी किया जाता है। माना जाता है कि धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा करने से बुद्धि, वाणी और लेखनी का आशीर्वाद मिलता है। यहां आपको बताना उचित होगा कि कायस्थ कुल के लोगों को धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज का वंशज माना जाता है। इसी वजह से कायस्थ परिवार के लोग धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज का पूजन और उनके साथ कलम का पूजन इस दिन विशेष रूप से करते हैं।
जानिए भारत में धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के प्रमुख देवालयों के बारे में,
भारत में एक दर्जन से अधिक राज्यों धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के देवालय हैं, जिनमें से कुछ तो बहुत ही प्राचीन हैं। कई महान कायस्थ शासक जैसे कश्मीर के ललितादित्य मुक्तापीड़, पाल वंश के शासक और चैलक्य, सात वाहन, चंदेला, पल्लव और चोल राजवंशों के कई शासकों ने उस भूमि पर कई भव्य मंदिरों का निर्माण किया, जिस पर उन्होंने शासन किया था।
भारत में मंदिरों का महत्व न केवल धार्मिक है, बल्कि सभ्यतागत रूप से भी बहुत बड़ा है। मंदिर सामाजिक और सामुदायिक एकता की नींव रखते हैं। प्राचीन समय में देवालयों को केवल मूर्ति पूजा के केंद्र नहीं माना जाता था, वे समुदाय की सांस्कृतिक, शैक्षिक और बौद्धिक गतिविधियों के अभिसरण के केंद्र भी हुआ करते थे। इन केंद्रों के बहुत बड़े अनुयायी थे और वे उस समय के समाज के सदस्यों को नैतिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन और दिशा प्रदान करने के लिए मंच के रूप में कार्य करते थे।
धर्मराज भगवान श्री चित्रगुप्त महाराज के प्रमुख देवालयों में बिहार प्रदेश के पटना शहर के दीवान मोहल्ला में स्थित आदि श्री चित्रगुप्त मंदिर, तमिलनाडू प्रदेश के कांचीपुरम में श्री चित्रगुप्त स्वामी मंदिर, मध्य प्रदेश की धर्मनगरी उज्जयनी जिसे अब उज्जैन के नाम से जाना जाता है में श्री धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में धर्म हरि श्री चित्रगुप्त मंदिर, मध्य प्रदेश के मर्तियों के शहर खजुराहो में सूर्य देव का चित्रगुप्त मंदिर, हैदराबाद का स्वामी चित्रगुप्त मंदिर इसमें शामिल हैं।
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(साई फीचर्स)