एनएच बनाम खूनी राजमार्ग . . .

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

सिहोरा (साई)। देश के सबसे लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग सात पर निर्मार्णाधीन फोरलेन में जगह-जगह डायवर्सन और सपाट रोड में भागते वाहनों से दुर्घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सडक़ हादसे में हर सातवें दिन एक व्यक्ति की मौत हो रही है।

बीते तीन महीनों (एक जनवरी से २२ मार्च) में सिहोरा पुलिस संभाग के अंतर्गत आने वाले एनएच-७ गांधीगाम से धनगवां (४२ किलोमीटर) के बीच दो दर्जन से अधिक वाहन दुर्घटनाओं में दस लोगों की मौत हो गई, वहीं दो दर्जन से अधिक गंभीर रूप से घायल होकर अपंग हो गए।

सिहोरा पुलिस संभाग के अंतर्गत आने वाले एनएच- ७ पर दौड़ते भारी-भरकम मालवाहक वाहनों और यात्री बसों की गति पर कोई नियंत्रण नहीं है, जबकि गांधीग्राम से धनगवां के बीच तीन पुलिस थाने गोसलपुर, खितौला और सिहोरा की सीमा है।

केस-०१

सिहोरा थाना अंतर्गत एनएच-७ पर गुरुवार शाम छपरा निवासी सोनू चौधरी (२०) मोटरसाइकिल से रिश्तेदारी में खलरी गांव जा रहा था। धनगवां गांव के पास जबलपुर तरफ से आ रहे तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उसे टक्कर मार दी। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई।

केस-०२

सिहोरा थाना अंतर्गत बजरंग बाड़ा (मोहला) एनएच-७ पर शुक्रवार रात हरदुआ कला निवासी सुनील साहू (४५) को टिपर ने टक्कर मार दी। दुर्घटना में सुनील की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में मोटरसाइकिल का अगला चाक बाहर निकल आया।

केस-०३

गोसलपुर थाना अंतर्गत एनएच-७ कछपुरा खिन्नी मार्ग पर पर ३१ जनवरी को गोसलपुर निवासी अतुल सिंह राजपूत (३०) को खिन्नी तिराहे पर तेज रफ्तार हाइवा ने कुचल दिया। हादसे में युवक की मौके पर ही मौत हो गई।

केस-०४

१८ मार्च को खितौला थाना अंतर्गत पहरेवा एनएच-७ पर तेज रफ्तार बस ने जीप को सामने से जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में जीप में सवार छह लोग घायल हो गए थे। जिसमें तीन घायलों की हालत गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया था।