(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। अफसरों के फर्जी दस्तखत से आवास आवंटित करने के लिए संपदा संचालनालय के ग्रेड-2 क्लर्क राहुल खरते ने हर आवंटन पर 30 से 80 हजार रुपए लिए थे। खास बात यह है कि आवंटन के फर्जी आदेश को पुलिसकर्मी भी नहीं समझ पाए। उल्टे पुलिसकर्मी मकान आवंटन के फर्जी आदेश के लिए भी खरते को 30 हजार से लेकर 80 हजार रुपए की रिश्वत देते रहे।
संचालनालय की जांच में वर्ष 2018 में भी 66 मकानों के फर्जी तरीके से आवंटन का खुलासा हुआ है। ये आवंटन पत्र खरते ने गृह सचिव के फर्जी दस्तखत से जारी किए थे। इससे पहले भी 25 मकानों के फर्जी आवंटन पर राहुल खरते पर जहांगीराबाद थाने में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। राहुल को पुलिस ने दिसंबर महीने में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। संचालनालय के अधिकारियों का कहना है कि राहुल संपदा संचालनालय के आवास आवंटन शाखा में वर्ष 2014 से पदस्थ रहा है। 2014 से 2017 के दौरान भी फर्जी तरीके से आवास आवंटन की जांच की जा रही है।
जून 2019 में सामने आया था मामला
फर्जी तरीके से आवास आवंटन हासिल करने वालों में सूबेदार से लेकर इंटेलीजेंस, सीआईडी, विस कर्मचारी और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में पूर्व में तैनात रहे पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। जून 2019 में यह मामला उस वक्त उजागर हुआ था जब जून महीने में आवास आवंटन की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ने पर संपदा के आवंटन अधिकारी मुकूल गुप्ता ने संपदा संचालक को अवगत कराया था। जांच शुरू हुई तो 2019 में ही 25 आवास आवंटन के फर्जी आदेश होने की बात सामने आई। उसके बाद संपदा संचालनालय ने कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा। पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली लेकिन आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
संचालक, संपदा संचालनालय आरआर भोंसले का कहना है कि वर्ष 2018 में 66 मकानों के आवंटन आदेश फर्जी तरीके से जारी किए गए थे। हम इस संबंध में पुलिस को पत्र लिखकर गड़बड़ी का पूरा ब्यौरा दे रहे हैं। यह पुलिस पर निर्भर है कि फर्जी तरीके से आवंटन हासिल करने वालों पर क्या कानूनी कार्रवाई करेगी।

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