96 फीसदी सरकारी स्कूल स्वच्छता की परीक्षा में फेल

 

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। जहां देश भर में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है, वहीं प्रदेश के स्कूल स्वच्छता की परीक्षा में फेल पाए गए। प्रदेश के 96 फीसदी सरकारी स्कूल स्वच्छता पुरस्कार से बाहर हो गए हैं।

यह आंकड़ा मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कराए गए स्वच्छता शाला पुरस्कार में सामने आया है। प्रदेश के सिर्फ 351 स्कूल ही 5 स्टार रेटिंग के मापदंडों पर खरे उतरे हैं।

स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत सत्र 2017-18 के शाला स्वच्छता पुरस्कार के लिए प्रदेश के लगभग साढ़े 85 हजार सरकारी स्कूलों ने नामांकन किया था, इसमें से 4 फीसदी स्कूल स्वच्छता पुरस्कार पर खरे उतरे हैं। इसके लिए मात्र 5 प्रकार के मापदंडों के आधार पर स्कूलों की 5 स्टार तक रेटिंग की जाती है।

इसमें भोपाल जिले के 12, ग्वालियर के 19, इंदौर के 18, और जबलपुर का सिर्फ एक स्कूल 05 स्टार रेटिंग में शामिल है। हर साल सितंबर से अक्टूबर के बीच स्कूल स्वच्छता शाला पुरस्कार के लिए राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से नामांकन कराई जाती है। ज्ञात हो कि स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान के तहत मानव संसाधन विकास मंत्रालय(एमएचआरडी) द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूलों को 2016 से पुरस्कार दिया जा रहा है। 5 स्टॉर रेटिंग वाले स्कूलों को एमएचआरडी की ओर से 50 हजार र्स्पए की पुरस्कार राशि और प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।

फर्स्ट व सेकेंड स्टार रेटिंग के लिए निर्देश जारी :

वहीं फर्स्ट और सेकेंड स्टार रेटिंग में शामिल स्कूलों को राज्य शिक्षा केंद्र ने निर्देश जारी कर 5 पैरामीटर पर स्कूलों में व्यवस्थाएं करने और स्वच्छता के आदेश दिए हैं। जिन स्कूलों में साफ-सफाई, शौचालय, वाशबेसिन व हाइजिन, पीने का पानी की व्यवस्था नहीं है, उन्हें व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।

ये हैं 5 स्टार रैंकिंग के मापदंड : स्कूलों में स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता एवं उसके नियमित सफाई के लिए व्यवस्था। सुरक्षित पेयजल की उवलब्धता एवं सुचारू संधारण। साबुन से हाथ धोने की व्यवस्था एवं हाथ धुलाई की नियमित मॉनीटरिंग। शाला शौचालयों का नियमित संधारण एवं रखरखाव। स्कूल के विद्यार्थियों, शिक्षकों की स्वच्छता अभियान में सक्रिय सहभागिता।

5 स्टार रेटिंग के टॉप 5 जिले : शहडोल के 30, सीहोर के 24, सीधी के 21, ग्वालियर के 19 एवं उज्जैन के 16 स्कूल इसमें शामिल हैं।