बुलीबाई एप का सरगना निकला सीहोर में एक विद्यार्थी!

असम का निवासी निजि विद्यालय से कर रहा था एमटेक
(नंद किशोर)
भोपाल (साई)। हाल ही में चर्चा में आए बुली बाई एप पर जैसे ही शिंकजा कसना आरंभ हुआ वैसे ही इस एप का संचालन करने वाले सरगना को पुलिस ने धर दबोचा है। नीरज बिश्नोई नामक युवक पर आरोप है कि उसके द्वारा यह सब किया गया है।
बुली बाई एप से सोशल मीडिया पर हंगामा मचा हुआ है। इस विवादास्पद एप के मामले में जिस मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई है, वो मध्यप्रदेश की एक इंस्टीट्यूट से बीटेक का छात्र है। इसी ने यह एप बनाया था। इसके जरिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए फोटो डाली गई थीं।
बुली बाई ऐप मामले के तार मध्यप्रदेश से भी जुड़ गए हैं। दिल्ली पुलिस ने जिस 20 साल के युवक को गिरफ्तार किया है, वह भोपाल की प्राइवेट यूनिवर्सिटी का स्टूडेंट नीरज बिश्नोई ​​​​​​है। वह वैल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VIT) के सीहोर कैंपस में बीटेक (कम्प्यूटर साइंस) सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन का कहना है कि उसने दो साल पहले एडमिशन लिया था, लेकिन काेराेना के कारण कॉलेज नहीं आया। मामला सामने आने के बाद उसे कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में पुलिस ने अब तक 4 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। बुली बाई में उसका नाम आने के बाद से सीहोर पुलिस भी सक्रिय हो गई है।
बुली बाई ऐप के जरिए मुस्लिम समुदाय की महिलाओं की तस्वीरें लगाकर उनकी कथित तौर पर बोली लगाने का आरोप है। पुलिस ने आरोप लगाया है कि श्वेता सिंह एक अन्य आरोपी के साथ विवादास्पद ऐप को कंट्रोल करती थी। उसने ही ऐप का ट्विटर हैंडल भी बनाया था।

मामले में पुलिस ने अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक उत्तराखंड की रहने वाली 18 साल की श्वेता सिंह है। उसके 20 वर्षीय दोस्त मयंक रावत और 21 वर्षीय विशाल कुमार झा को भी गिरफ्तार किया गया है। चौथा आरोपी और मास्टर माइंड नीरज बिश्नोई मूलत: राजस्थान के नागौर का रहने वाला है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी नीरज ने ऐप मेकर GitHub से बुल्ली बाई ऐप बनाया था। वह, मुख्य सरगना है। उसी ने ट्विटर पर भी बुल्ली बाई को अपलोड किया था।

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