प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज में होगा आयुष विंग

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में आयुष चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसके लिए सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में आयुष विंग की स्थापना करने की योजना बनाई है।

यही नहीं, इस पद्धति का अध्ययन करने राज्य का एक दल जर्मनी और चीन जाएगा। सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोमवार को आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में आयुष विंग की स्थापना की जाए।

कमल नाथ ने कहा कि आयुष चिकित्सा पद्धति के प्रति आम जनता में रुझान बढ़ा है लेकिन अपेक्षित विकास न होने के कारण लोग इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा, प्रदेश में आयुष चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। इनका समुचित दोहन न होने के कारण प्रदेश को और यहां के नागरिकों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है।

कमल नाथ ने कहा कि वर्तमान में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में पंचकर्म योग जैसी कई विधाएं हैं, जो मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य बनाने के साथ ही गंभीर बीमारियों का भी निदान करती हैं। इस संबंध में कार्य-योजना तैयार करें और निजी क्षेत्रों को अवसर प्रदान करें।

कमल नाथ ने प्रदेश में आयुष पद्धति में शोध और विकास की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विश्व के अग्रणी देशों जैसे होम्योपैथी में जर्मनी और हर्बल मेडिसिन में चीन में अध्ययन के लिए आयुष विभाग का दल भेजने का निर्देश दिया है। यह दल इन देशों में इस चिकित्सा पद्धति में एमओयू की संभावनाओं का भी पता लगाएगा।

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