रंजीत आटोमोबाईल्‍स पर सीबीआई का छापा

 

 

 

 

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। RANJEET AUTOMOBILES BHOPAL के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। कंपनी संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने बैंक ऑफ बड़ौदा से 34.36 करोड़ का लोन लिया था जो अब तक नहीं चुकाया। सीबीआई ने संचालक गुरमीत सिंह (GURMEET SINGH) और पार्टनर हर्ष काैर (HARSH KAUR) के यहां छापामार कार्रवाई भी की है।

सीबीआई ने देश भर में 18 शहरों में 61 जगह छापामार कार्रवाई की है। सीबीआई ने भाेपाल में रंजीत ऑटो मोबाइल फर्म के संचालक गुरमीत सिंह बजाज के इंद्रपुरी और पार्टनर हर्ष काैर के जाटखेड़ी स्थित मकान पर छापे मारे। आराेप हैं कि उनके द्वारा अपनी फर्म के नाम पर बैंक ऑफ बड़ाैदा की हबीबगंज शाखा से कैश क्रेडिट लिमिट ली गई थी। इसमें गलत जानकारी देकर उन्हाेंने 2010 से 2017 के बीच 34 कराेड़ रूपए से ज्यादा भुगतान प्राप्त किया और बैंक काे यह राशि वापस नहीं की। 31 मार्च 2017 काे बैंक ने इसे एनपीए घाेषित कर दिया।

अधिकारियाें ने बताया कि छापाें में मिली जानकारियाें के आधार पर देर शाम तक एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी। सीबीआई काे डिफाॅल्टराें की सूची विभिन्न नेशनलाइज्ड बैंकाें से मिली थी। छापे कहां-कहां मारने हैं, इसकी लिस्ट सीबीआई डायरेक्टर ऋषि शुक्ला की निगरानी में ही तैयार हुई थी। सीबीआई की कार्रवाई में दिल्ली, मुंबई, लुधियाना, ठाणे, वलसाड, पुणे, पलानी, गया, गुरुग्राम, चंडीगढ़, भाेपाल, सूरत और काेलार सहित अन्य शहराें में छापेमारी की गई।  शुरुआत में डिफाॅल्ट की रकम 640 कराेड़ रु. सामने आई थी, लेकिन दिनभर की छापेमारी के बाद आंकड़ा बढ़कर 1,139 कराेड़ रुपए तक पहुंच गया।