पार्षद प्रत्याशी कर सकेंगे इतनी ही राशि खर्च!

 

 

 

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। नगरीय निकाय चुनाव में अनाप-शनाप खर्च पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने पार्षदों के लिए भी अधिकतम व्यय सीमा तय कर दी है।

अभी तक पार्षद का चुनाव लड़ने वाले निर्वाचन व्यय के दायरे से बाहर थे। राज्य निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषद के लिए अलग-अलग सीमा तय की है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर नगर निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने वालों के लिए अधिकतम व्यय सीमा पौने नौ लाख रुपए रहेगी। वहीं, 10 लाख से कम आबादी वाले नगर निगमों के लिए यह राशि पौने चार लाख रुपए तय की गई है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले चुनावों के व्यय के आधार पर सरकार से सिफारिश की थी कि पार्षद का चुनाव लड़ने वालों को भी निर्वाचन व्यय के दायरे में लाया जाए। देखने में आ रहा था कि निर्वाचन व्यय का प्रावधान नहीं होने से पार्षद का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति अनाप-शनाप राशि खर्च करते हैं। मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशी कई तरह के प्रलोभन देते हैं, जिससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित होती है। अधिकारियों का कहना है कि निर्वाचन व्यय को लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी।

दो साल से पहले नहीं आएगा महापौर को हटाने अविश्वास प्रस्ताव : महापौर और अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों में से करने की व्यवस्था बनाने के साथ ही सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि दो साल से पहले महापौर और अध्यक्ष को पद से हटाने अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। दो तिहाई पार्षदों के लिखित ज्ञापन पर ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा

खर्च करने का प्रावधान : नगर निगम में 08.75 लाख, 10 लाख से अधिक आबादी पर एवं 03.75 लाख, 10 लाख से कम आबादी पर खर्च की सीमा तय की गई है।

इसी तरह नगर पालिका में एक लाख तक की आबादी पर 02.50 लाख एवं 50 हजार से 01 लाख तक की आबादी पर 01.50 लाख रूपए एवं नगर परिषद 75 हजार रुपए तय की गई है। यह आबादी जनगणना 2011 के आधार पर तय किया गया है।