(ब्यूरो कार्यालय)
यह बात विद्याभारती कार्यालय नरसिंह मंदिर के पीछे शास्त्री ब्रिज में आयोजित ‘न्यायालय में हो हिन्दी में न्याय‘ विषय पर व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता स्टेट बार कौंसिल के अध्यक्ष शिवेन्द्र उपाध्याय ने कही।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्य वक्ता ने कहा कि यदि कुछ लोग साह करके वहां पहुंचना चाहते हैं तो इन न्यायालयों के वकीलों की मोटी फीस के कारण हिम्मत नहीं कर पाते। जो थोड़े लोग पहुंचते भी हैं, उन्हें भी अंग्रेजी न आने के कारण वकीलों के अनुवाद पर ही निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए देश के बहुसंख्यक हिन्दी भाषी समाज के हित में यही है कि उच्च न्यायालयों व उच्चतम न्यायालय के काम-काज की भाषा हिन्दी हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मप्र लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. विपिन बिहारी ब्यौहार ने बताया कि आज उच्च शिक्षा में भी हिन्दी की उपेक्षा हो रही है। इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पूर्व उत्तर क्षेत्र के सह संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी, साहित्य प्रसार समिति के अध्यक्ष डॉ. सुधीर अग्रवाल, सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।
संगोष्ठी की प्रस्तावना सचिव डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने रखी। कार्यक्रम का संचालन राघवेन्द्र शुक्ल ने किया। विद्वत परिषद के प्रांत संयोजक डॉ. अखिलेश गुमास्ता, प्रो. डॉ. एडीएन वाजपेयी, पुरुषोत्तम नामदेव, डीएस हनवत, राजेन्द्र मिश्रा, लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, मनीषा ठाकुर सहित कार्यक्रम में महानगर के अधिवक्ता व शिक्षा जगत के लोग उपस्थित रहे।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 में किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.