छिंदवाड़ा की सीमा में दाखिल हुए हाथी

 

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। जंगली हाथियों से नरसिंहपुर जिले के ग्रामीणों को तो राहत मिल गई है, लेकिन छिंदवाड़ा के ग्रामीणों की परेशानी शुरू होने वाली है।

दरअसल, दोनों हाथी दक्षिण दिशा पकड़कर आगे बढ़ चुके हैं। वे बचई (नरसिंहपुर) से करीब 60 किमी दूर हर्रई (छिंदवाड़ा) की सीमा में दाखिल हो चुके हैं। वन अफसरों का मानना है कि दक्षिण, पश्चिम या पूर्व दिशा में हाथी चलते रहे तो मैदानी क्षेत्र में नहीं आएंगे। यदि उत्तर दिशा में मुड़े तो फिर से मैदानी क्षेत्र में आ सकते हैं।

उधर, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अब तक इन हाथियों को पकड़ने की मांग पर मुहर नहीं लगाई है। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने करीब 20 दिन पहले यह प्रस्ताव भेजा है।

प्रदेश के लिए समस्या बनते जा रहे जंगली हाथियों में से दो नरसिंहपुर जिले के बचई गांव तक पहुंच गए थे। हाथी गन्ने के खेतों में सक्रिय रहे और ग्रामीणों का काफी नुकसान भी किया। प्रदेश में काफी अंदर तक आने के कारण वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने इन हाथियों को पकड़ने की अनुमति वन मंत्रालय से मांगी थी। इस बीच हाथियों की लगातार निगरानी की गई।

सूत्र बताते हैं कि इन हाथियों ने अब दक्षिण दिशा पकड़ ली है। वे बचई से 60 किमी दूर छिंदवाड़ा जिले के हर्रई तक पहुंच गए हैं। वन अफसरों के मुताबिक ये हाथी अब जंगल में हैं, इसलिए फसल का नुकसान या लोगों से सामना होने की आशंका कम हो गई है।

फिर भी दोनों की लगातार निगरानी की जा रही है। वैसे तो इनके दक्षिण दिशा में लगातार आगे बढ़ने की संभावना है, लेकिन वे रास्ता बदलकर पूर्व या पश्चिम दिशा में भी चल पड़ते हैं तो भी दिक्कत नहीं है, क्योंकि तीनों दिशाओं में उन्हें जंगल मिलेगा और जंगल में पर्याप्त खाना भी मिलेगा। यदि वे उत्तर दिशा पकड़ते हैं तो फिर तनाव की स्थिति बनेगी, क्योंकि उत्तर दिशा में खुला मैदान है। वे सीधे खेतों में पहुंच जाएंगे।