19 में पाए गए पांच फर्जी सेंटर!
(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की गड़बड़ियों की जांच कर रहे आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को प्रदेश के 18 जिलों में 36 स्टडी सेंटर फर्जी मिले हैं। विश्व विद्यालय द्वारा 60 स्टडी सेंटर के भौतिक सत्यापन के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है। 18 जिलों में सबसे ज्यादा फर्जी स्टडी सेंटर मंदसौर और सिवनी में पाए गए हैं।
राज्य शासन ने माखनलाल विश्व विद्यालय में पूर्व कुलपति प्रो. बीके कुठियाला के 2010 से 2018 के बीच के कार्यकाल की जांच करवाई थी, जिसकी रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को सौंपी गई। इसके आधार पर एफआईआर दर्ज की गई। इसमें ईओडब्ल्यू ने विवि प्रबंधन से स्टडी सेंटरों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी थी। सूत्र बताते हैं कि विवि ने केवल 60 स्टडी सेंटरों की ही जांच की और ईओडब्ल्यू को सौंपी। इसमें 36 फर्जी सेंटर पाए गए हैं। मंदसौर में 10 स्टडी सेंटर थे, जिनमें से केवल दो ही सही मिले तो सिवनी के 19 स्टडी सेंटरों में से 14 सही पाए गए।
मंदसौर में आठ स्टडी सेंटर फर्जी : भौतिक सत्यापन में मंदसौर में आठ, सिवनी में पांच, रायसेन में तीन, देवास, इंदौर, सागर, बालाघाट व सीधी में दो-दो, हरदा, जबलपुर, कटनी, शहडोल, भिंड, धार, खंडवा, उज्जैन, रतलाम और छतरपुर में एक-एक स्टडी सेंटर फर्जी मिले हैं। गौरतलब है कि विवि के देशभर में 1841 स्टडी सेंटर हैं, जिनमें से कुठियाला के करीब आठ साल के कार्यकाल में ही 1312 स्टडी सेंटर खोले गए थे।
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