(बुद्धसेन शर्मा)
भोपाल (साई)। भारत में गणेश उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, और भगवान गणेश के भक्त उन्हें अपने इष्ट देव के रूप में पूजते हैं। ऐसे ही एक समर्पित भक्त हैं भोपाल के नीलबड़ में रहने वालीं आयुषी श्रीवास्तव (खरे)। आयुषी ने गणेश जी के प्रति अपनी असीम श्रद्धा को एक अनोखे रचनात्मक तरीके से व्यक्त किया है, जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। उन्होंने 5001 खराब सीडी पर गणेश जी के चित्र चिपकाए हैं, जो वाकई एक अद्भुत उपलब्धि है।
प्रेरणा की अनोखी कहानी : कचरे से कला तक
आयुषी श्रीवास्तव बताती हैं कि उन्हें यह अनूठा विचार तब आया जब उन्होंने शादी और अन्य समारोहों की गणेश जी की तस्वीरों वाली पत्रिकाएँ कचरे के ढेर और बहते पानी में देखीं। उसी समय फिल्मी सीडी और डीवीडी का दौर भी खत्म हो रहा था, और भारत डिजिटलाइजेशन की ओर तेजी से बढ़ रहा था। उन्होंने सोचा कि क्यों न इन खराब पड़ी सीडी का उपयोग गणेश जी की छवियों को संरक्षित करने के लिए किया जाए।
यह सफर आसान नहीं था। शुरुआत में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। घरवाले उन्हें “कचरा इकट्ठा करने” के लिए टोकते थे, और कई बार तो पिताजी की डांट भी सहनी पड़ी। लेकिन आयुषी अपने निश्चय पर अटल रहीं। उन्होंने लोगों के घर-घर जाकर पुरानी सीडी इकट्ठा कीं और उन पर गणेश जी के चित्रों को बड़ी लगन से चिपकाना शुरू किया।
5001 सीडी पर गणेश जी के चित्र : एक अथक प्रयास
करीब 4 साल की कड़ी मेहनत के बाद, आयुषी ने कुल 5001 सीडी पर गणेश जी के चित्र सफलतापूर्वक चिपका दिए। धीरे-धीरे उनकी इस पहल को विभिन्न संस्थाओं से सराहना मिलने लगी। जब उनके इस प्रयास को पहचान मिली, तो उनके परिवार को भी इसकी अहमियत समझ में आई और उन्होंने भी आयुषी का हाथ बँटाना शुरू कर दिया। अब तो उनके दोस्त भी इस नेक काम में उनकी मदद करते हैं।
लिम्का बुक और अन्य सम्मानों से नवाजी गईं आयुषी
आयुषी के इस असाधारण कार्य के लिए उनका नाम 2020 – 2022 की लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें ओएमजी बुक और जीनियस जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है। आयुषी का मानना है कि उन पर शुरू से ही गणेश जी की कृपा रही है, जिसके चलते उन्होंने इतनी कम उम्र में इतना बड़ा मुकाम हासिल किया। लगभग 26 वर्ष की आयु में यह उपलब्धि हासिल करने वाली आयुषी वर्तमान में सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं।
सिक्कों का अनूठा संग्रह : 2500 से अधिक सिक्के
गणेश जी के चित्रों के अलावा, आयुषी को सिक्के इकट्ठा करने का भी शौक है। उन्होंने रिश्तेदारों और विभिन्न स्थानों से सिक्के एकत्र किए हैं। उनके पास वर्तमान में 2500 से अधिक सिक्कों का संग्रह है, जिसमें 100 से अधिक विदेशी सिक्के भी शामिल हैं। उनके संग्रह में ग्वालियर की राजशाही मुद्रा, ईस्ट इंडिया कंपनी के दौर के सिक्के, और डॉलर, यूरो, पाउंड, सेंट, पेनी, आना जैसी विभिन्न देशों की मुद्राएँ शामिल हैं। उनके पास इंग्लैंड, पाकिस्तान, नेपाल, मैक्सिको, यूएसए, कनाडा, जापान, मलेशिया, इटली, यूरोप, थाईलैंड, बैंकाक, नीदरलैंड, हांगकांग, घाना, ऑस्ट्रेलिया, चीन, ईस्ट अफ्रीका, तुर्की, मालदीव, सिंगापुर, फिलिस्तीन, सऊदी अरब, इराक, ईरान जैसे देशों के सिक्के हैं।
संग्रह के साथ समाज सेवा : एक नेक दिल प्रयास
आयुषी केवल संग्रह तक ही सीमित नहीं हैं; वह बचपन से ही सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं के समाधान के लिए एनजीओ के साथ मिलकर काम करती रही हैं। उन्होंने रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं, बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया है, और शहर में वृक्षारोपण अभियान भी शुरू किए हैं।
वर्तमान में आयुषी अपने पति सुयश खरे के साथ दिल्ली एनसीआर के गुरुग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं, और दिल्ली में भी उनकी समाज सेवा बदस्तूर जारी है।
परिवार का सहयोग और गौरव
आयुषी के ससुर, जबलपुर निवासी पेशे से इंजीनियर विनीत खरे कहते हैं कि आयुषी उनके लिए बहू नहीं, बल्कि बेटी जैसी हैं। वे हमेशा आयुषी की रचनात्मकता की न केवल प्रशंसा करते हैं, बल्कि उसे बढ़ावा भी देते हैं। उनकी सास और सरकारी हाई स्कूल की प्राचार्य श्रीमती रेखा खरे का कहना है कि आयुषी में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है। वे जितना समय अपने इन शौक को देती हैं, उससे ज्यादा समय अपने परिवार को देती हैं और सभी का बहुत अच्छी तरह से ख्याल रखती हैं।
आयुषी श्रीवास्तव की कहानी हमें दिखाती है कि कैसे समर्पण, रचनात्मकता और दृढ़ संकल्प से न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी लाया जा सकता है।
आयुषी की यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी? क्या आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जिसने अपने शौक से कुछ ऐसा ही अनोखा काम किया हो?

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में लगभग दो दशकों से ज्यादा समय से सक्रिय बुद्धसेन शर्मा, फिलहाल बतौर ब्यूरो, समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के लिए कार्यरत हैं.
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.