अब तक नहीं ढूंढ पाए परिवार
(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। पाकिस्तान से भारत लाई गई मूक-बधिर गीता को इंदौर आए चार साल पूरे हो गए। इन चार साल में गीता के परिवार की तलाश एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकी। वह यहां जिस हालत में आई थी, आज भी उसी तरह संस्था में बच्चों के बीच रह रही है। न तो प्रदेश सरकार की तरफ से उसे परिवार से मिलवाने के लिए कोई प्रयास हो रहे हैं, न ही केंद्र की तरफ से।
मूक-बधिर गीता को 26 अक्टूबर 2015 को इंदौर के मूक-बधिर संगठन में भर्ती करवाया गया था। चार साल पहले पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की पहल पर गीता को पाकिस्तान से भारत बुलवाया गया। गीता को इंदौर के मूक-बधिर संगठन में अस्थायी आश्रय दिया गया था। कहा गया था कि गीता के माता-पिता मिलने तक वह संस्था में रहेगी, लेकिन चार साल बाद भी उसके परिवार का पता नहीं लग सका।
इस बीच देशभर के एक दर्जन से ज्यादा दंपती ने 26 वर्षीय गीता के उनकी बेटी होने का दावा किया, लेकिन किसी से भी डीएनए मैच नहीं हुआ। फिलहाल वह स्कूली बच्चों के साथ संस्था में रह रही है। यहां स्कूली पढ़ाई के साथ-साथ कौशल उन्नायन का प्रशिक्षण ले रही है।
माता-पिता भी नहीं मिले और शादी के लिए लड़का भी पसंद नहीं आया
पाकिस्तान से आने के बाद करीब दो साल तक कई दंपती ने विदेश मंत्रालय से लेकर इंदौर के जिला प्रशासन तक गीता के उनकी बेटी होने का दावा किया। प्रत्येक दंपती को कलेक्टोरेट कार्यालय में अफसरों की मौजूदगी में गीता से मिलवाया गया, लेकिन गीता ने एक भी दंपती को माता-पिता के रूप में नहीं पहचाना। डेढ़-दो साल से अब यह सिलसिला भी बंद हो गया। इस बीच स्व. स्वराज के कहने पर गीता की शादी के लिए लड़के भी तलाशे गए। अलग-अलग राज्यों से 13-14 युवक गीता से मिलने इंदौर आए, लेकिन एक से भी बात नहीं बनी। अब यह मामला भी ठप पड़ गया।
कस्टडी का प्रस्ताव ठुकराया
हाल ही में सांकेतिक भाषा विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने शासन से गीता की कस्टडी मांगी थी, लेकिन सरकार ने प्रस्ताव ठुकरा दिया। प्रस्ताव में गीता को अपने साथ रखकर विशेष तकनीक से उसके परिवार को तलाशने का दावा किया था। फिलहाल गीता स्कीम-71 स्थित मूक-बधिर संगठन के हॉस्टल में रह रही है। उसके लिए प्रशासन द्वारा एक केयर टेकर नियुक्त है।
फिलहाल नए निर्देश नहीं
सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त संचालक सुचिता बेक तिर्की का कहना है कि फिलहाल हमारे पास कोई नए निर्देश नहीं हैं। शासन के आगामी निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

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