50 साल पुराना नियम बदलने जा रही सरकार
(ब्यूरो कार्यालय)
जबलपुर (साई)। प्रदेश में वर्ष 1968 से लागू जेल मैनुअल में बड़ी तब्दीली की कवायद चल रही है। सबसे बड़ा बदलाव कैदियों के ड्रेस को लेकर किया जा रहा है। अब कैदियों के सिर पर टोपी नहीं होगी। वहीं उन्हें मौसम के अनुसार तीन तरह के ड्रेस मिलेंगे। साथ ही जेल बिस्तर में भी बदलाव किया जा रहा है।
इसके लिए डीजी जेल ने एडीजी जेल की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है। सूत्रों के अनुसार जेल में बंद कैदियों की जो नई ड्रेस होगी, उसमें वे जेंटलमैन जैसे दिखेंगे, ताकि उन्हें अच्छा इंसान बनने की भावना जागृत हो।
देश भर में 1894 का प्रिजऩ एक्ट और मप्र. की जेलों में 1968 में बने जेल मैनुअल के अनुसार कैदियों का ड्रेस निर्धारित है। जिसमें कैदियों को सफेद कुर्ता-पैजामा व एक टोपी दी जाती है। वहीं ठंड में हाफ जैकेट पहनने को दिया जाता है। जबकि, बिस्तर के तौर पर 12 वर्गफीट घेरे की दरी, चादर, कम्बल दिया जाता है। ठंड में बंदियों को काफी परेशानी होती है।
कैदियों का जीवन स्तर सुधारने की कोशिश
जेल में कैदियों के जीवन स्तर और स्वास्थ्य को देखते हुए ये कदम उठाए जा रहे हैं। अभी प्रदेश में बड़ी संख्या में जेल में कैदियों के बीमार व मौत की खबरें आती रहती हैं। इसकी एक बड़ी वजह जेल के अंदर का रहन-सहन भी बताया जाता है।

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