नमस्कार, आप सुन रहे हैं समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में ब्रहस्पतिवार 02 जुलाई 2020 का प्रदेश स्तरीय आडियो बुलेटिन, अब आप रीना सिंह से समाचार सुनिए.
देश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की तादाद का आंकड़ा छः पांच लाख के उपर पहुंच गया है। वर्तमान में यह आंकड़ा छः लाख 06 हजार 907 पहुंच गया है। देश में कुल एक्टिव मरीजों की तादाद से लगभग एक लाख 32 हजार से ज्यादा ठीक होने वालों की तादाद हो गई है। देश में अब तक सक्रिय मरीजों की तादाद 02 लाख 28 हजार 263 एवं रिकव्हर्ड मरीजों की तादाद 03 लाख 60 हजार 713 है, एवं जिनका निधन हुआ है उनकी संख्या 17 हजार 865 है। मध्य प्रदेश में कुल संक्रमित मरीजों की तादाद से लगभग 08 हजार 30 ज्यादा लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। प्रदेश में आंकड़ा 13 हजार 861 पहुंच गया है, जिसमें एक्टिव मरीजों की तादाद 02 हजार 625, रिकव्हर्ड मरीजों की तादाद 10 हजार 655 एवं जिनका निधन हुआ है उनकी तादाद 581 है।
प्रदेश में जिन जिलों में कोरोना के संक्रमित मरीजों की तादाद दो सौ से ज्यादा है उनमें इंदौर में 04 हजार 734, एक्टिव मरीजों की तादाद 950, भोपाल में 02 हजार 830, एक्टिव मरीजों की तादाद 455, उज्जैन में 859, एक्टिव मरीजों की तादाद 19, मुरैना में एक्टिव मरीजों की संख्या 481 एवं सक्रिय मरीजों की तादाद 309, नीचम में 446 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 21, जबलपुर में कुल मरीजों की संख्या 405 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 69, बुरहानपुर में 401, एक्टिव मरीजों की तादाद 14, ग्वालियर में 393 कुल संक्रमित मरीजों में से एक्टिव मरीज 103, सागर में कुल मरीजों की संख्या 376 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 92, खण्डवा में 317 कुल एवं एक्टिव 37, खरगौन में कुल 298 मरीजों में एक्टिव मरीजों की तादाद 33, भिण्ड में 245 कुल संक्रमित मरीजों में से एक्टिव मरीज 107 एवं देवास में कुल मरीज 220 एवं एक्टिव मरीजों की तादाद 24 हैं। प्रदेश में होशंगाबाद, डिंडोरी, अनूपपुर एवं उमरिया में एक्टिव मरीजों की तादाद शून्य है।
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राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन राजभवन के सांदीपनि सभागार में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित थे।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 20 केबिनेट एवं 8 राज्य मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। केबिनेट मंत्री के रूप में गोपाल भार्गव, जगदीश देवड़ा, विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेन्द्र सिंह, एदल सिंह कंसाना, बृजेन्द्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, श्रीमती इमरती देवी, डॉ. प्रभुराम चौधरी, महेन्द्र सिंह सिसौदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओम प्रकाश सकलेचा, सुश्री उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग और राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव ने शपथ ली।
राज्यमंत्री के रूप में भारत सिंह कुशवाहा, इंदर सिंह परमार, राम खेलावन पटेल, राम किशोर कांवरे, बृजेन्द्र सिंह यादव, गिरिराज डंडौतिया, सुरेश धाकड़ और ओ.पी.एस. भदौरिया ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
शपथ ग्रहण समारोह में केन्द्रीय मंत्री कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायत नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय मंत्री सामाजिक न्याय और अधिकारिता थावरचंद गहलोत, केन्द्रीय राज्यमंत्री संस्कृति और पर्यटन प्रहलाद पटेल, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद सुश्री प्रज्ञा ठाकुर सहित राज्य मंत्री मण्डल के सभी मंत्रीगण उपस्थित थे। शपथ विधि का संचालन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने किया।
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शिवराज सिंह चौहान की टीम में अब उन्हें मिलाकर 34 मंत्री हैं। इनमें 59 फीसदी मंत्री 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते हुए हैं। बाकी 41 फीसदी यानी 14 मंत्री पूर्व कांग्रेसी हैं। इनमें से अभी एक भी विधायक नहीं है। मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब 14 मंत्री विधायक नहीं हैं।
बीते सौ दिन में सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। कमलनाथ सरकार में 6 मंत्री सिंधिया समर्थक थे। शिवराज सरकार में 11 मंत्री सिंधिया कोटे से हैं। इनमें कांग्रेस छोड़कर आए और आज मंत्री बने 3 और नेताओं को जोड़ लें, तो इनकी संख्या 14 हो जाती है। इस तरह सिंधिया समर्थकों और कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं को 230 फीसदी का फायदा हुआ है।
सिंधिया खेमा किस तरह फायदे में रहा इसे जानने के लिए हम आपको समीकरण बताते हैं। कमलनाथ सरकार में सिंधिया खेमे के 6 विधायक मंत्री थे। ये थे- गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और महेंद्र सिंह सिसोदिया। ये सभी शिवराज की सरकार में अब कैबिनेट मंत्री बन चुके हैं। इनमें से राजपूत और सिलावट ने 21 अप्रैल को शिवराज की मिनी कैबिनेट में शपथ ले ली थी।
इनके अलावा 5 और नेता गुरुवार को शिवराज की टीम में मंत्री बने हैं। ये हैं- राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेंद्र धाकड़ और ओपीएस भदौरिया। राज्यवर्धन कैबिनेट मंत्री बने हैं। बाकी 4 राज्य मंत्री बनाए गए हैं। इस तरह कमलनाथ सरकार में सिंधिया खेमे से 6 नेता मंत्री थे, जबकि शिवराज सरकार में उनके खेमे से 11 नेता मंत्री बन चुके हैं।
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मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार कार्यक्रम के ठीक बाद नए कैबिनेट की पहली बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों को खरी-खरी सुनाई। शिवराज ने कहा- कोरोना काल चल रहा है कोई भी मंत्री जनता से स्वागत न कराए और न ही भीड़ करें। अब न मैं चैन से बैठूंगा और न ही आप सबको चैन से बैठने दूंगा। मुख्यमंत्री ने नए मंत्रियों को तौर-तरीके समझाते हुए कहा कि जहां चाह, वहां राह, दो दिन भोपाल के लिए रखें। सोमवार और मंगलवार को उपयुक्त रहेगा। मंगलवार को कैबिनेट रहेगी।
शिवराज ने कहा, न मैं चैन से बैठूंगा और न आप लोगों को बैठने दूंगा। कैबिनेट एक परिवार है, पहले भी कैबिनेट परिवार थी, सरकार भी परिवार की तरह चलाई है। पारदर्शी प्रमाणिकता से काम हों। आप लोग काम बहुत करें, तनाव बिलकुल न लें। थोड़ा वक्त अपने लिए भी निकालें। उन्होंने आगे कहा कि दिनचर्या और व्यवस्था ऐसी रहे कि काम को और कार्यकर्ताओं के लिए पर्याप्त समय रहे। कार्यकर्ताओं को बराबर रिस्पांस मिलना चाहिए।
इसके पहले बैठक की शुरुआत भगवान गणेश के श्लोक- वक्रतुंड महाकाय के साथ हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी को बधाई देते हुए कहा- जो काम प्रदेश की भलाई के लिए हो वो निर्विध्न पूरे हों। परिश्रम की पराकाष्ठा करना होगा। एक भी क्षण व्यर्थ न हो, क्योंकि अब जो क्षण हैं वो जनता के हैं। आप सब यह तय करें कि कोरोना काल चल रहा है, इसलिए कोई भी स्वागत न कराएं। जनता भी कोरोना काल में स्वागत न करें और भीड़ बढ़ाएं। बैठक में कोरोना को लेकर भी मंत्रियों के साथ चर्चा की गई।
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शिवराज कैबिनेट के विस्तार के बाद राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरे फॉर्म में नजर आए हैं। राजभवन से बाहर निकलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की। उसके बाद कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया है। अपने ऊपर लग रहे आरोपों को कांग्रेस को तीखा जवाब दिया है। बीजेपी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर नाम लेकर वार किया है।
बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद उन्होंने कभी भी दिग्विजय सिंह और कमलनाथ का नाम लेकर वॉर नहीं किया था। मंत्रियों की शपथ के बाद उन्होंने जम कर कांग्रेस की खैर खबर ली है। कांग्रेस की सरकार गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका अहम रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता सिंधिया के लिए गद्दार जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। सिंधिया ने कहा कि मैं 3 महीने तक शांत रहा हूं, लेकिन कांग्रेस के लोग मेरी छवि धूमिल करते रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा कि मुझे कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। देश की जनता के सामने तथ्य है कि इन लोगों ने किस तरह से प्रदेश का भंडार लूटा है। वादाखिलाफी का लोगों ने इतिहास देखा है। समय आएगा तो मैं जवाब दूंगा। इन दोनों को मैं यहीं कहना चाहता हूं, टाइगर अभी जिंदा है।
ज्योआतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस ने कोरोना महामारी के दौरान कुछ नहीं किया है। कोरोना के दौरान मैंने एक-एक खाने के पैकेट का वितरण किया है। मैंने सीएम रिलीफ फंड में राशि दी है। बाहर फंसे एमपी के लोगों को मैं लाया हूं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूछा कि कोरोना महामारी के दौरान कांग्रेस के क्या कर रही थी। एक व्यक्ति की भी इन लोगों ने मदद नहीं की है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कोरोना काल में कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है। कांग्रेस इस दौर में अपनी महामारी का सामना कर रही है। इन लोगों ने एमपी में कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से एमपी के लिए कभी कोई दिक्कत नहीं है।
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये जनसेवकों की सरकार है। सिंहासन पर बैठने वाले लोगों की सरकार नहीं है। 15 महीने में कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश को नुकसान पहुंचाया था। अब जनसेवकों की टीम पूर्ण रूप मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित कर दिखाएगी। 100 दिन में शिवराज सिंह चौहान ने जो कर दिखाया है, उसके लिए मैं साधुवाद देना चाहता हूं। कमलनाथ ने कोरोना के लिए एक बैठक नहीं की थी।
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समाचारों के बीच में हम आपको यह जानकारी भी दे दें कि मौसम के अपडेट जाने के लिए समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के चेनल पर रोजाना अपलोड होने वाले वीडियो जरूर देखें।
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वन स्टॉप सेंटर में पहुँचने वाली हिंसा प्रभावित महिला को चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के मद्देनजर अब पैरा मेडिकल स्टॉफ जिसमें प्रशिक्षित नर्स, एएनएम, एम.बी.बी.एस., बी.ए.एम.एस., बी.एच.एम.एस, यूनानी डॉक्टर्स को शिफ्ट के आधार पर चौबीस घंटे सेवा देनी होगी। भारत सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन अनुसार वन स्टॉप सेंटर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं सिविल सर्जन को जारी किया गया है।
वन स्टॉप सेंटर पर पैरा-मडिकल स्टॉफ की रोस्टर के आधार पर ड्यूटी लगाई जाएगी। हिंसा प्रभावित महिला या बालिका के सेंटर पहुँचने पर जीवन-रक्षक दवाइयाँ एवं प्राथमिकता चिकित्सा देकर अपने साथ अस्पताल में पहुँचाने की जिम्मेदारी पैरा-मेडिकल स्टाफ की होगी। उनके द्वारा लैंगिक उत्पीडन संबंधी प्रकरणों में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल अनुसार मेडिकल-लीगल एवं फोरेसिंक जाँच तथा अन्य टेस्ट करवाना सुनिश्चित किया जायेगा।
जिला स्तर पर एमओएचएफ डब्ल्यू द्वारा जारी प्रोटोकॉल को स्थानीय भाषा में अनुवादित कर पैरा-मेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मियों, वन स्टॉप सेंटर एवं प्रशासकीय अधिकारियों को उपलब्ध कराया जायेगा। साथ ही प्रोटोकॉल निर्देशों को कैलेण्डर के रूप में विकसित कर वन स्टॉप सेंटर और सर्वे संबंधितों को प्रदाय किया जाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त राज्य में संचालित शासकीय एवं अशासकीय अस्पताल, डॉक्टर्स के पूर्ण पते, निजी क्लीनिक एवं शासकीय एम्बुलेंस शासकीय एवं निजी ब्लड बैंक की डायरेक्ट्री भी विकसित कर वन स्टॉप सेन्टर और संबंधितों को उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त पैरा-मेडिकल स्टाफ अथवा स्वास्थ्य कर्मियों के लिये प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे।
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लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा गंभीर कुपोषित बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के नियत्रंण एवं बचाव के दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। उल्लेखनीय है कि गंभीर कुपोषित बच्चों में सामान्य बच्चों की तुलना में आम बाल्यकालीन बीमारियों से नौ से बीस गुना अधिक खतरा रहता है। अतः पोषण केन्द्रों, एस.एम.टी.यू. एवं स्मार्ट यूनिट, एम्स भोपाल से भर्ती गंभीर कुपोषित बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण और बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
एन.सी.आर में भर्ती के समय समस्त बच्चों में कोविड-19 के लक्षणों जैसे तेज बुखार के साथ सर्दी, खांसी व सांस लेने में तकलीफ की जाँच एवं कोविड-19 लक्षणात्मक बच्चों को कोविड-19 स्क्रीनिंग वार्ड में रेफर कर प्ेवसंजम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमण से बचाव के लिए शैय्याओं के बीच कम से कम एक मीटर की दूरी हो। वार्ड में संकुचित जगह की दशा में भर्ती बच्चों को उपलब्ध कराई जाने के निर्देश दिए गए है। भर्ती बच्चों की माताओं के साथ दैनिक समूह परामर्श, प्ले थेरेपी, पौष्टिक आहार बनाने की विधि का प्रदर्शन आदि समस्त गतिविधियां आगामी आदेश तक स्थगित रहेंगी। भर्ती बच्चों की माताओं अथवा देखभालकर्ताओं को बेड-टू-बेड व्यक्तिगत परामर्श दिया जायेगा। इस दौरान मास्क का प्रयोग तथा भर्ती बच्चों की माताओं एवं देखभातकर्ताओं से एक मीटर की दूरी रखी जाये। व्यक्तिगत परामर्श में भर्ती बच्चों की माताओं को रोगप्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों, व्यक्तिगत स्वच्छता, कोविड-19 संक्रमण से बचाव एवं सामूहिक दूरी पर विशेष रूप से परामर्श दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
भर्ती बच्चों में चिकित्सकीय जटिलता सामान्य होने पर एन.आर.सी. से छुट्टी की जाये। किसी भी दशा में उन्हें एन.आर.सी. में अनावश्यक रूप से 14 दिन तक न रखा जाये। छुट्टी होने पर मां अथवा देखभालकर्ता को बच्चे की घर पर की जाने वाली देखभाल संबंधी समझाईश एवं आवश्यक औषधि व मल्टीविटामिन सिरप प्रदाय की जाय। कोविड-19 की सक्रिय संचार अवधि से जुड़े खतरे को दृष्टिगत रखते हुए, छुट्टी प्राप्त समस्त बच्चों को 15 दिन के अंतराल से दूरभाष पर फॉलोअप किया जाये। केवल चिकित्सकीय जटिलता वाले बच्चों को ही एन.आर.सी में फॉलोअप के लिए बुलाया जाये।
समस्त एन.आर.सी स्टाफ, भर्ती बच्चों की माताएँ, देखभालकर्ता एवं भर्ती बच्चों द्वारा नियमित अंतराल से साबुन से हाथ धोने की क्रिया को व्यवहार में लाने के निर्देश दिए गए हैं। पोषण पुर्नवास केन्द्र में प्रवेश पर हाथ धोना, हैंड सेनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाये। इसके लिए हैंड सेनिटाइजर तथा साबुन-पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। एन.आर.सी में स्टाफ द्वारा प्रत्येक दो केस (बच्चों) के अंतराल पर हाथ धोना, हैंड सेनिटाइजर का उपयोग सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य होगा। भर्ती बच्चों व उनकी माताओं अथवा देखभालकर्ता तथा एन.आर.सी स्टाफ में यदि कोविड-19 के लक्षण परिलक्षित हों तो दिशा-निर्देश अनुरूप मास्क का उपयोग किया जाये एवं उन्हें आयसोलेशन वार्ड में भेजा जाना सुनिश्चित किया जायेगा। एन.आर.सी. में दैनिक उपयोग वाले उपकरणों तथा वजन मशीन, ऊँचाई एवं लंबाई मापन हेतु इनफैन्टोमीटर, स्टाडियोमीटर, लैंग्थ मैट तथा डन्।ब् टेप, डिजिटल थर्माेमीटर, ड्रग ट्रे, बच्चों के खिलौने, बर्तन, चादरें वार्ड के दरवाजें व खिडकियां, आदि को नियमित रूप से साफ व कीटाणुरहित किया जाये।
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जबलपुर जिले में कोरोना का कहर थमता नजर नहीं आ रहा। जैसे-जैसे जांच बड़ रही है संक्रमितों की संख्या में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है। अब स्थानीय प्रशासन ने बुधवार से घर-घर जा कर लोगों की जांच शुरू की तो पहले ही दिन 118 कोरोना संक्रमित मिल गए। ऐसे में जिला प्रशासन के हांथ-पांव अब फूलने लगे हैं। कलेक्टर लगातार अपने महकमें के अफसरों के कार्य क्षेत्र में बदलाव कर रहे हैं। कोशिश है कि किसी तरह से अफसरों को लगाकर कोरोना महामारी को नियंत्रित किया जाए। सख्ती बरती जाए।
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बुधवार को देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले गए। इसके चलते आगामी 148 दिन तक विवाह, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश आदि सभी शुभ कार्य बंद रहेंगे। 26 नवंबर से पुनः मांगलिक कार्य आरंभ होंगे। इस वर्ष देवोत्थान एकादशी के बाद भी मात्र नौ ही विवाह मुहूर्त हैं। देवोत्थान एकादशी के साथ ही 27 और 30 नवंबर और 1, 6, 9, 10 और 11 दिसंबर को ही मुहूर्त रहेगा। इसके बाद शुभ कार्यों के लिए अप्रैल 2021 तक इंतजार करना होगा। इसके बाद ही शुभ मुहूर्त में शुभ कार्यों को करने के लिए अवसर प्राप्त हो सकेगा।
चातुर्मास की इस अवधि में सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम किए जा सकेंगे। लगभग 5 माह तक सिर्फ भगवान विष्णु का पूजन-अर्चना अत्यधिक लाभदायी होता है। इस दिन से व्रत, साधना और पूजा आदि का समय प्रारंभ हो जाता है। बुधवार को व्रतियों ने श्रद्धापूर्वक देवशयनी एकादशी का व्रत रखा। मान्यता है कि इस व्रत से से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी पापों का नाश हो जाता है। बुधवार को मंदिर और मठों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा का आयोजन किया गया।
ज्योातिषाचार्यों ने बताया कि जिस वर्ष चातुर्मास में 11 एकादशी पड़तीं हैं, वह चातुर्मास अधिक लम्बा होता है। इसीलिए इस बार चातुर्मास की अवधि 148 दिन की रहेगी। उन्होंने बताया चातुर्मास आरंभ होते ही भगवान विष्णु धरती का कार्य भगवान शिव को सौंपकर खुद विश्राम के लिए चले जाते हैं। इसीलिए इस दौरान शिव आराधना का भी बहुत महत्व है। सावन का महीना भी चातुर्मास में ही आता है।
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प्रदेश के सिवनी जिले में स्थित पेंच नेशनल पार्क बुधवार से सैलानियों के लिए बंद कर दिया गया है। पार्क में सैलानियों की सफारी बंद होते ही यहां मानसून गश्त शुरु कर दी गई है। मानसून के दौरान वन्यप्राणियों के शिकार की संभावनाएं ज्यादा होने को ध्यान में रखते हुए पार्क प्रबंधन ने गश्ती बढ़ा दी है। पहले दिन फील्ड डायरेक्टर ने अमले के साथ पार्क में पैदल गश्त की। इस दौरान उन्हें बाघ के दीदार हुए।
गुमतरा रेंज में गश्ती-बुधवार को पेंच नेशनल पार्क के गुमतरा रेंज में पार्क के फील्ड डायरेक्टर विक्रम सिंह परिहार ने 12 कर्मचारियों के दल के साथ पैदल गश्त की। गश्ती के दौरान गुमतरा रेंज में ही नाले के पास टाइगर पेड़ के नीचे पानी में बैठा नजर आया। गश्ती दल ने गुमतरा रेंज के हर हिस्से को बारीकी से देखा। फील्ड डायरेक्टर ने पैदल गश्ती के दौरान साथ में आए कर्मचारियों को सतर्क रहकर नजर रखने के निर्देश दिए।
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आप सुन रहे थे रीना सिंह से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में ब्रहस्पतिवार 02 जुलाई का प्रदेश स्तरीय आडियो बुलेटिन। शुक्रवार 03 जुलाई को एक बार फिर हम आडियो बुलेटिन लेकर हाजिर होंगे, अगर आपको यह आडियो बुलेटिन पसंद आ रहे हों तो आप इन्हें लाईक, शेयर और सब्सक्राईब जरूर करें। फिलहाल इजाजत लेते हैं, नमस्कार।

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