(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। प्रदेश की परिवहन चौकियों में निजी व्यक्तियों द्वारा अवैध वसूली का आरोप फिर चर्चा में है। विधायक दिलीप सिंह परिहार ने राजस्थान सीमा से लगी चौकियों में बगैर नियुक्ति के तैनात एवजी व्यक्तियों द्वारा वसूली किए जाने का मुद्दा विधानसभा में उठाया था।
हालांकि, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी चेकपोस्ट में एवजी तैनात नहीं है। विभाग ने ही 40 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली बीते छह माह में की है। वहीं, परिवहन अधिकारियों ने साढ़े 14 करोड़ रुपए से ज्यादा का शुल्क वसूल किया है।
सरकार चाहे भाजपा की हो या कांग्रेस की, हमेशा परिवहन चौकियों में अवैध वसूली के आरोप लगते रहे हैं। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा विधायक दिलीप सिंह परिहार ने एवजी व्यक्तियों के चौकियों में तैनात होने और उनके माध्यम से वसूली किए जाने का मुद्दा उठाया।
मंत्री राजपूत ने बताया कि अधिकारियों-कर्मचारियों की नियुक्ति भी विभागीय व्यवस्था के तहत बदलती रहती है। अवैध रूप से परिवहन शुल्क वसूले जाने की कोई शिकायत भी नहीं आई है। छह माह में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा परिवहन शुल्क की वसूली चौकियों से हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा चार करोड़ 81 लाख रुपए का शुल्क पिटोल चौकी से वसूला गया। परिवहन विभाग में फिलहाल कोई उड़नदस्ता नहीं है।
हमेशा उठता है मुद्दा : सूत्रों का कहना है कि परिवहन चौकियों पर अवैध वसूली का मुद्दा हमेशा उठता है। भाजपा सरकार के समय भी यह मुद्दा उठा था । इसके मद्देनजर परिवहन चौकियों का कंप्यूटरीकरण किया गया और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए। 2017 में तत्कालीन शिवराज सरकार ने 21 एकीकृत परिवहन जांच चौकियां बंद कर दी हैं।

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