मॉब लिंचिंग अब गैर जमानती अपराध

 

 

 

 

बढ़ेगा पिछड़े वर्ग का आरक्षण

(ब्यूरो कार्यालय)

भोपाल (साई)। गौरक्षा के नाम पर हिंसा करने वालों के खिलाफ अब सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी। राज्य सरकार मप्र गौवंश वध प्रतिषेध अधिनियम 2004 में संशोधन कर रही है। अब ऐसे मामलों में लिप्त लोगों को अलग-अलग परिस्थिति में छह माह से तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया जा रहा है।

साथ ही यह अपराध गैर जमानती रहेगा। बुधवार को संशोधन विधेयक विधानसभा पटल पर रखा गया है। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय अधिनियम, सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी और मप्र विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक भी पटल पर रखे गए।

सरकार पशुओं के परिवहन पर टीपी व्यवस्था लागू करने जा रही है। अब एक से दूसरे राज्य पशुओं का परिवहन करने वालों को मध्य प्रदेश की सीमा से गुजरने के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेनी होगी।

साथ ही मॉब लिंचिंग गैर जमानती अपराध किया जा रहा है। गौवंश से भरे ट्रकों में आगजनी करने वाले और इस कार्य में लिप्त होने वालों के साथ मारपीट करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो सकेगी। वहीं सरकार ने पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फैसला लिया है।

इसके लिए मप्र लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक में भी संशोधन किया जा रहा है। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक में संशोधन कर सरकार पशु चिकित्सा के क्षेत्र में निजी कॉलेजों के आने का रास्ता खोल रही है।

इस संशोधन के बाद प्रदेश में पशु चिकित्सा और मत्स्य पालन की शिक्षा देने के लिए निजी कॉलेज खुल सकेंगे। ऐसे ही सरकार जल उपभोक्ता समितियों के निर्धारित समय पर चुनाव न होने पर कार्यकाल बढ़ाने के लिए मप्र सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की भागीदारी अधिनियम में संशोधन कर रही है। मप्र विश्वविद्यालय विधेयक में संशोधन कर छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

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