(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश के 40 से ज्यादा नौकरशाहों की कमजोरियों को एक गुमनाम पत्र के जरिये प्रधानमंत्री तक भेजा गया है, जिसमें से कुछ अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं।
ऐसा नहीं है कि शिकायत से मप्र की खुफिया पुलिस अनजान है, बल्कि उसके पास भी शिकायत और अधिकारियों के नामों के साथ उनकी कमजोरियों की सूची दी गई है। इस सूची में कुछ वे नाम भी हैं, जिनकी चर्चा हनी ट्रैप मामले में भी दबी जुबान से मंत्रालय व पीएचक्यू के कक्षों में होती रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री को मप्र के नौकरशाहों के खिलाफ गुमनाम पत्र के रूप में शिकायत भेजी गई है। इसमें 42 अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य कई आरोपों की शिकायत की गई है। इन अधिकारियों में अधिकांश वरिष्ठ हैं। कुछ नाम हनी ट्रैप मामले की जांच में विवेचना के दौरान भी चर्चा में आए थे।
शिकायत में अफसरों के करीबी अशासकीय व्यक्ति
सूत्र बताते हैं कि इन अधिकारियों के आसपास सक्रिय रहने वाले अशासकीय व्यक्तियों के नाम भी शिकायत में बताए गए हैं, जिनके माध्यम से सरकारी काम हासिल करने या अन्य काम करवाए जाने की शिकायत की गई है। इन अशासकीय व्यक्तियों में कई बिल्डर और शिक्षण संस्थाओं से जुड़े लोग भी हैं। ऐसे करीब दर्जन भर लोग तो एक से ज्यादा अधिकारियों के करीबी बताए गए हैं। उपहारों का व्यापार करने वाले एक व्यापारी का नाम तो करीब आधा दर्जन अधिकारियों के करीबी के तौर पर बताया गया है, जबकि एक छापे की कार्रवाई में फंस चुके व्यक्ति को तीन अधिकारियों का निकट बताया गया है।
अफसरों के निवेश की जानकारी
सूत्र बताते हैं कि शिकायत में नौकरशाहों की अवैध कमाई को कहां निवेश किया गया, उसका स्थान भी बताया गया है। कुछ अधिकारियों के मध्यप्रदेश के अलावा विदेश और देश में दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा में निवेश होने की बात कही गई है। कई अधिकारियों के अपने करीबी अशासकीय व्यक्तियों के संस्थानों में निवेश के बारे में भी शिकायत में खुलासा किया है। बिल्डरों के प्रोजेक्ट, होटल और अस्पताल में किए गए निवेश का विवरण भी शिकायत में किया गया है।

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