महाविद्यालयों को को मिलेंगे ड्रिगी देने के अधिकार
(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। केंद्र सरकार देश में नई शिक्षा नीति लाने जा रही है। इसका ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर सुझाव और आपत्ति मंगाई गई हैं। नई नीति के तहत कालेजों को ड्रिगी देने का अधिकार मिल जाएगा।
हालांकि इसके लिए उन्हें कई मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा। वहीं विवि भी दो प्रकार के हो जाएंगे। अनुसंधान (रिसर्च) के लिए अलग विवि होंगे, जबकि शिक्षा के अलग विवि होंगें। इनके पास स्नातकोक्तर कराने के अधिकार होंगे।
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक वर्तमान व्यवस्था में कॉलेजों को विवि से संबद्वता लेनी होती है। विवि ही उनके यहां परीक्षा करवाता है और रिजल्ट व डिग्री जारी करता है। नई नीति के बाद कॉलेज स्वायत्त हो जाएंगे और उन्हें खुद ही परीक्षा करवाने, मार्कशीट और ड्रिगी जारी करने के अधिकार भी मिल जाएंगे। लेकिन कॉलेज केवल स्नातक कोर्स ही करवा सकेंगे।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टीटयूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर संजीव टोकेकर ने बताया कि सरकार ने इसके लिए 2032 तक समय सीमा रखी है। सरकार का लक्षय 2032 तक सौ रिसर्च विवि और 1000 से अधिक शैक्षणिक विवि बनाना है।
तीन स्तर में बंट जाएगी उच्च शिक्षा : इसके बाद तीन स्तरों पर उच्च शिक्षा को बांटने की कवायद की जा रही है।
कॉलेज : ये स्वायत्त होंगे, खुद परीक्षा करवा सकेंगे। रिजल्ट, मार्कशीट देने के साथ ड्रिगी भी जारी कर सकेंगे। छात्र यहां से केवल अंडर ग्रेज्यूएट कोर्स (बीए, बीकॉम, बीबीए और डिप्लोमा)कर सकेंगे।
शैक्षणिक विश्व विद्यालय : इनके पास स्नातकोत्तर (पीजी) कोर्स करवाने के अधिकार होंगे। छात्रों को एमकॉम, एमबीए, एमए, एमएससी आदि कोर्स करने के लिए यहां पर एडमिशन लेना होगा।
अनुसंधान विश्व विद्यालय : इन विश्वविद्यालयों में रिसर्च कोर्स जैसे पीएचडी, एमफिल आदि करने वाले छात्र एडमिशन लेंगे। यहां पर रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकार इनको बढ़ावा देने और विश्वस्तरीय बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

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