(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। स्वास्थ्य का अधिकार कानून में मरीजों को तय अस्पतालों में चिन्हित सेवाएं नहीं मिलने पर हर्जाने का प्रावधान भी होगा। कानून के तहत राज्य स्तर पर एक बोर्ड बनाया जाएगा।
यह बोर्ड मरीजों की शिकायतों पर सुनवाई के बाद हर्जाने का निर्णय करेगा। बुधवार को इस कानून का ड्रॉफ्ट तैयार करने वाली कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा की गई। हालांकि अंतिम ड्रॉफ्ट तैयार होने के पहले इसमें कुछ और बदलाव हो सकते हैं।
देश का हृदय प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां स्वास्थ्य का अधिकार कानून लागू करने की तैयारी है। इस कानून को लागू करने के लिए पिछले साल एक व दो नवंबर को बैठक हुई थी। इसके बाद ड्रॉफ्ट तैयार करने को लेकर पहली बैठक हुई है।
बैठक में विशेषज्ञों ने कहा कि हर स्तर के सरकारी अस्पताल में उपलब्ध इलाज, जांच, दवाएं आदि की सूची तैयार की जाएगी। इसके मुताबिक मरीजों को हर हाल में इलाज देना जरूरी होगा। बैठक में पीएचएफआई के प्रेसीडेंट डॉ. के श्रीनाथ रेड्डी, पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सुजाता राव, स्वास्थ्य अधिकार मंच के डॉ. अमूल्य निधि, स्वास्थ्य संचालक डॉ. जे विजय कुमार मौजूद थे।
ड्रॉफ्ट में यह प्रावधान करने को लेकर चर्चा : जिला व राज्य स्तर पर सलाहकार समितियां व सचिव स्तर के अधिकारियों की सदस्यता में बोर्ड बनेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। यहां-अमीर गरीब सभी को चुनिंदा बीमारियों का इलाज मुफ्त मिलेगा।
आम लोगों की भागदारी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य समिति बनेगी। निजि अस्पतालों व गैर सरकारी संगठनों की मदद ली जाएगी। स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले दूसरे विभागों जैसा पर्यावरण, नगरीय प्रशासन, पीएचआई आदि के अफसरों भी एक कमेटी बनेगी।

समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया देश की पहली डिजीटल न्यूज एजेंसी है. इसका शुभारंभ 18 दिसंबर 2008 को किया गया था. समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया में देश विदेश, स्थानीय, व्यापार, स्वास्थ्य आदि की खबरों के साथ ही साथ धार्मिक, राशिफल, मौसम के अपडेट, पंचाग आदि का प्रसारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता है. इसके वीडियो सेक्शन में भी खबरों का प्रसारण किया जाता है. यह पहली ऐसी डिजीटल न्यूज एजेंसी है, जिसका सर्वाधिकार असुरक्षित है, अर्थात आप इसमें प्रसारित सामग्री का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को खबरें भेजना चाहते हैं तो व्हाट्सएप नंबर 9425011234 या ईमेल samacharagency@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं. खबरें अगर प्रसारण योग्य होंगी तो उन्हें स्थान अवश्य दिया जाएगा.