टूटा केरल का रेकॉर्ड
(ब्यूरो कार्यालय)
इंदौर (साई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ भारत के अभियान को साकार करने और जेनेरिक दवाओं का महत्व बताने के लिए इंदौर में एक हजार युवाओं ने मिलकर ‘मानव कैपसूल’ बनाया। इतनी बड़ी संख्या में मिलकर युवाओं द्वारा ‘मानव कैपसूल’ की आकृति बनाने को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकार्ड में दर्ज किए जाने का दावा किया जा रहा है।
मानव कैपसूल बनाने वाले समूह के प्रमुख डॉ. पुनीत द्विवेदी ने बताया है कि वर्तमान दौर में लोग ब्रैंडेड सामान के उपयोग करने को ज्यादा महत्व देते हैं। यही कुछ दवाओं के मामले में हो रहा है, जिसके चलते उन्हें कम कीमत पर मिलने वाली जेनेरिक दवाओं के मुकाबले ब्रैंडेड कंपनी की दवा के नाम पर ज्यादा दाम चुकाना पड़ता है।
नीले और सफेद कपड़े पहनकर बनाया मानव कैपसूल
फार्मासिस्ट दिवस पर बुधवार को इंदौर के मॉडर्न इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के परिसर में डॉ. द्विवेदी के नेतृत्व में एक हजार युवाओं ने नीले और सफेद कपड़े पहनकर यह मानव कैपसूल बनाया। इस कैपसूल को ठीक वैसा ही स्वरूप दिया गया, जैसा कि कैपसूल होता है। एक तरफ सफेद तो दूसरी ओर नीले रंग के कपड़े पहने युवाओं को खड़ा किया गया।
टूटा केरल का रेकॉर्ड
इसके चलते एक ही स्थान पर जमा हुए एक हजार युवा कैपसूल के रूप में नजर आने लगे। इस मानव कैपसूल को बनाने वाले 1000 युवा लगभग 15 मिनट तक एक ही स्थान पर खड़े रहे। डॉ. द्विवेदी का दावा है कि यह अपनी तरह का नया कीर्तिमान है। इससे पहले वर्ष 2018 में 18 मार्च को केरल में कुन्नूर में डॉ. जयनारायण जी एवं कालीकट इंस्टिट्यूशन की अगुवाई में 438 लोगों ने शामिल होकर एक मानव कैपसूल बनाया था।