खुले आसमान के नीचे रखी जा रही खरीदी गई धान

 

(ब्‍यूरो कार्यालय)
रीवा (साई)। प्रशासन द्वारा किसानों से धान की खरीदी करने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है लेकिन खरीदी जा रही धान की सुरक्षा को लेकर लापरवाही सामने आ रही है। खरीदी केंद्रों में धान को खुले आसमान के नीचे रखा जा रहा है।

इसके चलते अनाज की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि धान खरीदी केंद्रों में खरीदी तो की जा रही जबकि उस हिसाब से परिवहन नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि खुले आसमान के नीचे खरीदी केंद्रों में धान रखी जा रही है। टीन शेड में जगह न होने तथा अन्य व्यवस्था की कमी के चलते यह समस्या आ रही।

ज्ञात हो कि मौसम विभाग ने अलर्ट किया है कि आगामी दिनों में एक बार फिर बादल-बारिश के आसार बनेंगे और ऐसे हालत में खुले आसमान के नीचे रखे हुआ अनाज खराब होगा। दरअसल परिवहन को लेकर जो नियम बनाए गए हैं उसके तहत 48 घंटे के अंतराल में धान का परिवहन कर के गोदाम में सुरक्षित रखा जाना चाहिए जबकि इसमें लापरवाही सामने आ रही है।

धान खरीदी केन्द्रो में किसानों की बढ़ती भीढ़ और हो रहे विरोध को देखते हुए प्रशासन ने सुविधा बनाने के लिए खरीदी केन्द्र में पहुचे किसानों को टोकन का वितरण किए गया है। जिससे किसान अपने नम्बर से धान की बिक्री कर सकें। किसानों का कहना है कि टोकन लिए वे घूम रहें और खरीदी केन्द्र के स्टाप की मनमानी के चलते धान की बिक्री नही हो पा रही है। ज्ञात हो कि जिले के गोविन्दगढ, जवा और सिरमौर में किसानों ने धान खरीदी न होने पर सड़क पर उतर चुके हैं।

यूरिया के लिए किसान परेशान

किसानों को सबसे प्रमुख जरूरत यूरिया खाद की किल्लत झेलनी पड़ रही हैं। जेडीयू के शिव सिंह ने कहां कि यह सरकार की ही नाकामी है कि वह किसानों की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती। कभी भी देश में यूरिया जैसी खाद की किल्लत नहीं होती है। सिर्फ प्रशासनिक व्यवस्था सही हो तो यह आसानी से उपलब्ध हो सकती है आज भी मध्यप्रदेश में वही स्थिति है कमी यूरिया की नहीं है औने-पौने दाम में यूरिया उपलब्ध है। जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने में कमलनाथ सरकार नाकाम है। उन्होंने कहा कि रबी सीजन में यूरिया सर्वाधिक मांग वाली खाद होती है और उसकी उपलब्धता सदैव कम होती है। 

 

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